झारखंड

पारा शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी

रांची: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड (Jharkhand) के पारा शिक्षकों (Para Teachers) के सर्टिफिकेट (Certificate) की जांच चल रही है।

इस जांच के दौरान अब तक 107 के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं। जिन आंकड़ों में फर्जी सर्टिफिकेट (Fake Certificate) पाए जा रहे हैं ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस संख्या में बढ़ोतरी होगी।

फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर काम कर रहे पारा शिक्षकों (Para Teacher) पर प्राथमिकी दर्ज (FIR) करने की तैयारी की जा रही है। उन सभी शिक्षकों को सेवा से हटाने के साथ-साथ उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

17 हजार प्रमाण पत्रों की चल रही है जांच

राज्य में कुल 61,421 पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच चल रही है। अब तक 44 हजार शिक्षकों के प्रमाणपत्रों (Certificates) की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि 17 हजार के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है।

बता दें जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) से लेकर यूपी (UP), हरियाणा (Haryana) के संस्थानों के नाम के भी ऐसे सर्टिफिकेट उजागर हुए हैं।

फर्जी पारा शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने सभी जिलों से जांच के लिए कितने पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्र दिये गये, कितने की जांच हो सकी, एवं कितने पेंडिंग (Pending) और कितने के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं, उसकी विस्तृत रिपोर्ट (Report) मांगी है।

इस महीने सभी आरजेडीई-डीईओ-डीएसई (RJDE-DEO-DSE) की होने वाली बैठक के पूर्व विस्तृत रिपोर्ट जिले राज्य मुख्यालय को दे देंगे।

इसके आधार पर विभाग इस पर कार्रवाई करेगा। उन सभी पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिलों को निर्देश दिया जाएगा। संभव हो सके तो फर्जी सर्टिफिकेट पर काम करने के आरोप में राशि की भी वसूली की जा सकती है।

170 शिक्षकों ने सर्टिफिकेट नहीं किए हैं जमा

सर्टिफिकेट जांच से बचने के लिए 200 से ज्यादा पारा शिक्षक इस्तीफा (Resignation) दे चुके हैं और पहले ही नौकरी छोड़ दी है। वहीं, 170 ने जांच के लिए सर्टिफिकेट जमा ही नहीं किये थे।

सोमवार को सर्टिफिकेट की प्रति जमा करने की अंतिम तारीख थी। देर शाम तक शिक्षा विभाग जिलों से रिपोर्ट ले रहा था। जिन पारा शिक्षकों ने जांच के लिए प्रमाणपत्र नहीं दिये होंगे उन्हें दो स्पष्टीकरण (the explanation) देकर बात रखने का एक मौका दिया जाएगा।

स्पष्टीकरण सुनने के बाद पारा शिक्षकों को 31 दिसंबर 2022 तक सेवा से मुक्त करने की त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

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