झारखंड

झारखंड : दिव्यांगों और 85 साल से अधिक उम्र के वोटरों के लिए होगी सुलभ वोटिंग व्यवस्था..

राज्य के सभी दिव्यांग शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण, पचासी वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के मतदाता, गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) एवं छोटे शिशुओं की माताओं को भी अन्य नागरिकों की तरह समान वैधानिक अधिकार प्राप्त है।

Loksabha Election : राज्य के सभी दिव्यांग शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण, पचासी वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के मतदाता, गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) एवं छोटे शिशुओं की माताओं को भी अन्य नागरिकों की तरह समान वैधानिक अधिकार प्राप्त है।

चुनाव की प्रक्रिया इन्हें लोकतंत्र में समान रूप से अपनी भागीदारी निभाने का अवसर प्रदान करती है। इसलिए इनके लिए अनिवार्यरूपेण हरेक मतदान केन्द्र (Polling Stations) पर सुलभ मतदान की व्यवस्था रखी जाए।

यह बातें मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (Chief Electoral Officer) के. रवि कुमार ने बुधवार को निर्वाचन सदन धुर्वा के सभागार में राज्य के सभी जिलों से आए जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी एवं सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा के लिए ‘अपवर्जित समूहों के लिए सुगम मतदान’ विषयक प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए कही।

रवि कुमार ने कहा कि ऐसे नागरिकों को समान भागीदारी के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग (Central Election Commission) ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

इसके अलावा मतदान प्रक्रिया में इनकी सुविधा के लिए डिजिटल तकनीकों के प्रयोग पर भी बल दिया गया है। राज्य के सभी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी इसके लिए नोडल ऑफिसर बनाए गए हैं।

उन्हें अपने स्तर से हरेक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए Sector Officer नामित कर गैर-राजनैतिक एवं निरपेक्ष स्वयंसेवी संगठनों, Resident Welfare संगठनों आदि की मदद से अपवर्जित समूह के योग्य नागरिकों के डोर टू डोर सर्वे, छूटे हुए अर्हता प्राप्त नागरिकों के नाम निर्वाचक सूची में दर्ज कराने तथा मतदान में इनकी सुगमता के लिए समयबद्ध रूप से काम करना है।

रवि कुमार ने कहा कि अपवर्जित समूहों के ऐसे मतदाता जो मतदान केन्द्र तक स्वयं आने-जाने में अक्षम हों उन्हें मतदान केन्द्र पर आने-जाने की स्थानीय व्यवस्था के साथ-साथ मतदान केन्द्र में शेड, कुर्सी-बेंच, व्हील चेयर, स्वयंसेवकों की व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखा जाना है।

साथ ही यदि अपवर्जित समूह के कोई मतदाता जो चुनाव सिंबल खुद नहीं पहचान पाएं वहां मतदान केन्द्र के पीठासीन पदाधिकारी उन्हें सहायक के रूप में 18 वर्ष से कम आयु के किसी किशोर को वोटिंग के लिए साथ लिए जाने की अनुमति देंगे।

प्रशिक्षण सत्र में निःशक्तता आयुक्त अभय नंदन अम्बष्ठ ने निःशक्तता आयोग द्वारा मतदाता के लिए किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (Chief Electoral Officer) नेहा अरोड़ा ने मतदाता सूची एवं मतदान के बारे में बताया।

उन्होंने बूथ अवेयरनेस ग्रुप, स्वीप कार्यक्रम, अच्छे कार्यों के लिए BLO को सम्मानित करने आदि विषयों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।

निदेशक समाज कल्याण विभाग शशि प्रकाश झा ने मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधा में पेयजल, बिजली, हेल्प.डेस्क, पोस्टर.साईनेज, रैंप, दिव्यांगजनों के लिए वॉलेंटियर की उपलब्धता के साथ मतदान केंद्रों पर BLO की सहायता के लिए चयनित स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण की जानकारी साझा की।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की OSD गीता चौबे द्वारा मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं को उपलब्ध कराने एवं दिव्यांग,वयोवृद्ध मतदाताओं के लिए यातायात की सुविधा, वोलेंटियर्स एवं मेडिकल किट आदि विषयों पर विस्तृत रूप से चर्चा की।

उप निर्वाचन पदाधिकारी मुख्यालय संजय कुमार द्वारा सोशल मीडिया, सक्षम ऐप, निःशक्तता के लिए सोशल मीडिया के बारे में बिंदुबार जानकारी साझा की गयी।

प्रशिक्षण सत्र में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा बूथों पर न्यूनतम सुविधा उपलब्ध कराने संबंधित कराये गए राज्य स्तरीय सोशल Audit Survey के समन्वयक हलदार महतो ने इस सर्वे में प्राप्त महत्वपूर्ण विषयों पर बिंदुवार चर्चा की।

साथ ही निःशक्तता के क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वयं सेवी ग्रुप साईट सेवर्स की सपना सुरीन (Sapna Surin) द्वारा मतदान के दौरान दिव्यांग मतदाताओं को आनेवाली संभावित कठिनाइयों एवं स्थानीय तौर पर उनके त्वरित निराकरण के संबंध में चर्चा की ।

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