नेशनल हेराल्ड मामला : राहुल गांधी से पांचवें दिन ED की पूछताछ के खिलाफ कांग्रेस करेगी मार्च
राहुल से पूछताछ और अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई, जिसमें तय हुआ है कि सभी वरिष्ठ नेता मार्च करेंगे
नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पांचवी बार ED दफ्तर पहुंचे।
ED की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस नेताओं ने एक बार फिर नारजगी जताई है। राहुल से पूछताछ और अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई, जिसमें तय हुआ है कि सभी वरिष्ठ नेता मार्च करेंगे।
दूसरी ओर कांग्रेस मुख्यालय में पुलिस का पहरा है, जिससे पार्टी नेता खफा हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, जहां दंगे करवाते हैं, वहां तो रैपिड एक्शन फोर्स समय पर नहीं पहुंचाई जाती लेकिन नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के सामने नीले रंग की रैपिड एक्शन फोर्स आज सुबह से खड़ी हुई है। इसको कहते हैं अमित शाही।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने कहा, सब देख रहे हैं क्या हो रहा है, 7 साल बाद पांचवे दिन भी पूछताछ हो रही है।
राहुल के नेतृत्व से भाजपा की हालत पतली हो गई है, इसलिए ED को कठपुतली बनाया हुआ है। राजनीती बदले की भावना से भाजपा 7 साल पुराने केस में ED द्वारा राहुल को बार-बार बुला रही है। देश के सभी अहम मुद्दों अग्निपथ, बेरोजगारी आदि से ध्यान हटाया जा रहा है इसलिए यह सब हो रहा है।
सिंघवी ने आगे कहा, राहुल गांधी से 5-6 सवाल हैं, सीधे सीधे उनको पूछने के लिए पांचवे दिन बुलाया हुआ है। आखिर ED इन सवालों को कितने घंटो तक दोहरा सकती है।
दरअसल नेशनल हेराल्ड मामला (National Herald case) एक अखबार से जुड़ा है। अखबार का मालिकाना हक एजेएल के पास था जो दो और अखबार छापा करती थी।
सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया
इसे कंपनी एक्ट की धारा 25 से टैक्स मुक्त कर दिया गया। कंपनी धीरे-धीरे घाटे में चली गई। 90 करोड़ का कर्ज भी चढ़ गया। इस बीच 2010 में यंग इंडियन के नाम से एक अन्य कंपनी बनाई गई।
इसके 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी और बाकी के शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नाडिस के पास थे।
आरोप है कि कांग्रेस ने अपना 90 करोड़ का कर्ज नई कंपनी यंग इंडियन (young indian) को ट्रांसफर कर दिया। लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ एजेएल ने सारे शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिए। इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये एजेएल को दिए।
इसके बाद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanyam Swami) ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन प्राइवेट ने सिर्फ 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला, जो नियमों के खिलाफ है।