Pahalgam attack, Bilawal Bhutto’s Pakistan provocative statement:जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए, के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए।
इनमें सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित करना शामिल है, जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। भारत के इस फैसले के जवाब में पाकिस्तान ने विवादास्पद चोलिस्तान नहर परियोजना को रोकने का ऐलान किया।
यह परियोजना फरवरी 2025 में पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने शुरू की थी, जिसका मकसद पंजाब के रेगिस्तानी चोलिस्तान क्षेत्र में 6,655,360 एकड़ जमीन की सिंचाई करना था।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “सिंधु दरिया हमारा है और हमारा ही रहेगा। अब या तो सिंधु में हमारा पानी बहेगा, या भारत का खून बहेगा।
” बिलावल ने भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करते हुए कहा कि भारत की अधिक आबादी उसे पानी का मालिक नहीं बनाती। उन्होंने पाकिस्तानी जनता को “बहादुर” बताते हुए एकजुट होने की अपील की और सेना को सरहद पर हर हमले का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार बताया।
बिलावल ने सिंधु नदी को पाकिस्तान की साझी विरासत करार देते हुए कहा, “हर पाकिस्तानी दुनिया को बताएगा कि दरिया पर डाका हमें मंजूर नहीं। दुश्मन की नजर हमारे पानी पर है, इसका जवाब पूरे मुल्क को मिलकर देना होगा।”
चोलिस्तान परियोजना, जिसे ग्रीन पाकिस्तान इनिशिएटिव के तहत शुरू किया गया, में छह नहरें बनाने की योजना थी। इनमें से पांच नहरें सिंधु नदी से और एक सतलुज नदी से पानी लेतीं।
सतलुज का पानी भारत के नियंत्रण में है, जो सिंधु जल संधि के तहत उसे मिला है। सिन्ध प्रांत, जो सिंधु नदी का निचला हिस्सा है, ने इस परियोजना का कड़ा विरोध किया, क्योंकि इससे सिन्ध में पानी की कमी बढ़ सकती है।
सिन्ध विधानसभा ने मार्च 2025 में सर्वसम्मति से इस परियोजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। सिन्ध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह और बिलावल भुट्टो ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी थी कि यह परियोजना सिन्ध की जल आपूर्ति को खतरे में डालेगी।
भारत के संधि निलंबन के बाद 24 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बिलावल ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि 2 मई को होने वाली काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (CCI) की बैठक तक नहर परियोजना पर काम रोक दिया जाएगा।
भारत के सिंधु जल संधि निलंबन को पाकिस्तान ने “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया। बिलावल ने इसे “अवैध और मानवता के खिलाफ” बताया और कहा कि पाकिस्तान सिन्ध की जनता के साथ मिलकर इसका जवाब देगा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ आवाज उठाने की बात कही।
पाकिस्तानी सरकार ने दावा किया कि संधि को एकतरफा रद्द नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसके लिए दोनों देशों की सहमति जरूरी है। पाकिस्तान ने यह भी चेतावनी दी कि अगर भारत ने पानी रोका या बिना सूचना के अतिरिक्त पानी छोड़ा, तो इससे सिन्ध और पंजाब में बाढ़ या सूखे की स्थिति पैदा हो सकती है।