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सुशांत सिंह पर फिल्म को लेकर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगाने से इनकार

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर कोई फिल्म या डॉक्यूमेंट्री बनाने पर रोक लगाने की मांग खारिज करने के सिंगल बेंच के आदेश पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई 25 जून को करने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इस मामले में सुनवाई की जल्दबाजी क्या है।   फिल्म रिलीज नहीं हुई है।

अगर हम आपकी बात से सहमत हों और सिंगल बेंच के फैसले से असहमति जताएं तो हम क्या कर सकते हैं।

क्या हम उस फिल्म का रिलीज रोक सकते हैं जो पहले ही रिलीज हो चुकी है।

सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह की ओर से पेश वकील जयंत मेहता ने कहा कि हमारे मुताबिक अभी फिल्म रिलीज नहीं हुई है।

तब वकील वेदांत वर्मा ने कहा कि फिल्म ओटीटी प्लेटफार्म पर 11 जून को रिलीज हो चुकी है।

न्याय फिल्म के निर्माता सरला सरावगी की ओर से वकील चंदर लाल ने कहा कि फिल्म रिलीज हो चुकी है।

तब वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने इस पर 24 जून को सुनवाई करने की मांग की। तब कोर्ट ने कहा कि 25 जून को सुनवाई कर ली जाए।

सुनवाई के दौरान फिल्म निर्माताओं की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्होंने इस मामले में केवियट दाखिल कर रखी है लेकिन उन्हें याचिका की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई है।

तब कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वे प्रतिवादियों को याचिका की प्रति उपलब्ध कराएं। कोर्ट ने सभी पक्षों को निर्देश दिया कि वे 25 जून को सुनवाई के समय में स्पष्ट करें कि 11 जून को फिल्म रिलीज हुई है कि नहीं।

पिछले 10 जून को हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह (केके सिंह) की याचिका खारिज कर दी थी।

सुनवाई के दौरान फिल्म शशांक के निर्माता की ओर से वकील एपी सिंह ने कहा था कि फिल्म का सुशांत सिंह राजपूत के जीवन से कोई संबंध नहीं है।

पिछले 22 अप्रैल को फिल्म शशांक के निर्माता ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया था।

शशांक फिल्म के निर्माता की ओर से कहा गया था कि ऐसी फिल्में बननी चाहिए। उन्होंने कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट को इस याचिका पर सुनवाई करने का क्षेत्राधिकार नहीं है।

याचिका में कहा गया था कि एक बात का पता चला है कि “न्याय”, “द जस्टिस”, “सुसाइड या मर्डर- ए स्टार वाज लॉस्ट” और “शशांक” नाम की फिल्में बायोपिक और डॉक्यूमेंट्री बनाई जा रही हैं।

याचिका में इस बात की आशंका जताई गई थी कि सुशांत सिंह राजपूत की जीवनी से संबंधित कई कही और अनकही बातों के आधार पर कहानियां, वेब सीरीज और फिल्में बनाई जा सकती हैं।

कुछ लोग सुशांत सिंह राजपूत के निजी जीवन पर आधारित फिल्में या वेब सीरीज बना सकते हैं। इससे उनके परिवार के निजता के अधिकार का हनन होगा।

याचिका में कहा गया था कि किसी सेलिब्रिटी को भी अपना निजी जीवन जीने का हक है।

इसके अलावा सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने कहा था कि उनके जीवन की सारी तस्वीर और वाकयों पर उनके परिवार का कॉपीराइट है।

फिल्म या वेब सीरीज निर्माता इस कॉपीराइट का उल्लंघन करेंगे।

याचिका में सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने फिल्म या डॉक्युमेंट्री बनाने वाले लोगों से दो करोड़ से ज्यादा की रकम का जुर्माना वसूल करने की मांग की थी

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