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नवरात्रि में की जाती है माता के नौ रूपों पूजा, जानें सबके महत्व

नई दिल्ली: इस साल शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri) 26 सितंबर से शुरू होकर 5 अक्टूबर तक चलेंगे।

Shardiya Navratri

शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि (Navratri) में माता के नौ रूपों का अलग-अलग महत्‍व बताया गया है। जो भक्‍तों के लिए विशेष फलदायी होता है।

पहला दिन- माँ शैलपुत्री

पर्वतराज हिमालय की पुत्री शैलपुत्री (Shailputri) की पूजा करने से मूलाधार चक्र जागृत हो जाता है और साधकों को सभी प्रकार की सिद्धियां स्वत: ही प्राप्त हो जाती हैं। माँ का वाहन वृषभ है।

Sharadiya Navratri

दूसरा दिन- माँ ब्रह्मचारिणी

जो साधक माँ के ब्रह्मचारिणी या तपश्चारिणी (Brahmacharini or Tapascharini) रूप की पूजा करते हैं उन्हें तप, त्याग, वैराग्य, संयम और सदाचार की प्राप्ति होती है। मां को शक्कर का भोग प्रिय है।

Sharadiya Navratri

तीसरा दिन- माँ चन्द्रघंटा

माता के इस रूप में मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चन्द्र बना होने के कारण इनका नाम चन्द्रघंटा (Chandraghanta) पड़ा।

Sharadiya Navratri

माँ की कृपा से साधक को संसार के सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है, इनका वाहन शेर है ।

चौथा दिन- माँ कूष्मांडा

अपने उदर से ब्रह्मांड को उत्पन्न करने वाली माँ कूष्मांडा (Maa Kushmanda) की पूजा करने वाले भक्तों के सभी प्रकार के रोग और कष्ट मिट जाते हैं तथा माँ की भक्ति के साथ ही आयु, यश और बल की प्राप्ति भी सहज ही हो जाती है।

Sharadiya Navratri

पाँचवा दिन- माँ स्कंदमाता

कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता (Skandmata) पड़ा, इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है।

Sharadiya Navratri

इनकी पूजा करने वाले साधक संसार के सभी सुखों को भोगते हुए अंत में मोक्ष पद को प्राप्त होते हैं। माँ का वाहन सिंह है ।

छठवां दिन- माँ कात्यायनी

महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति माँ दुर्गा ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया और उनका कात्यायनी (Katyayani) नाम पड़ा।

Sharadiya Navratri

माँ की कृपा से साधक आलौकिक तेज से अलंकृत होकर हर प्रकार के भय, शोक एवं संतापों से मुक्त होकर खुशहाल जीवन व्यतीत करता है। माँ कात्यायनी का वाहन सिंह है।

सातवां दिन- माँ कालरात्रि

सप्तमी तिथि में सभी राक्षसों के लिए कालरूप बनकर आई मां दुर्गा (Maa Durga) के इस रूप की पूजा नवरात्र में की जाती है।

Sharadiya Navratri

माँ के स्मरण मात्र से ही सभी प्रकार के भूत, पिशाच एवं भय समाप्त हो जाते हैं। इनकी कृपा से भानूचक्र जागृत होता है। माँ का वाहन गधा है।

आठवां दिन- माँ महागौरी

माँ ने काली रूप में आने के पश्चात घोर तपस्या की और पुनः गौर वर्ण पाया तब वे महागौरी (Mahagauri) कहलाई।

Sharadiya Navratri

माँ का वाहन बैल है और इनकी कृपा से साधक के सभी कष्ट मिट जाते हैं और उसे आर्थिक लाभ की प्राप्ति होती है।

नौवां दिन- माँ सिद्धिदात्री

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है माता का यह रूप साधक को सभी प्रकार की ऋद्धियां एवं सिद्धियां प्रदान करने वाला है।

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माँ सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri) कमल पुष्प पर विराजमान होतीं है जबकि इनका वाहन भी सिंह है।

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