झारखंड

यूपी गेट पर बढ़ रही किसानों की संख्या, बिजनौर से पहुंचा 300 ट्रैक्टरों का जत्था गाजियाबाद: नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन में किसानों की भीड़ बढ़ती जा रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से यूपी गेट (यूपी-दिल्ली बॉर्डर) पर किसानों के ट्रैक्टर पहुंचने का सिलसिला जारी है। देर रात बिजनौर जनपद से करीब 300 ट्रैक्टरों का जत्था किसान नेता दिगंबर सिंह के नेतृत्व में आंदोलन स्थल पर पहुंचा है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से किसानों के फोन उनके पास आ रहे हैं। शुक्रवार और शनिवार की रात इस तरह के कई फोन आए। किसानों ने उनसे पुलिस द्वारा रोके जाने की शिकायत भी की। दूसरी ओर सिंघु बार्डर पर आंदोलन स्थल से एक संदिग्ध के पकड़े जाने के बाद शनिवार को यूपी गेट पर भी आंदोलन स्थल की सुरक्षा बड़ा मुद्दा रहा। एडीजी और आईजी खुद आंदोलन स्थल पर पहुंचे। डीएम डॉ. अजय शंकर पांडेय व एसएसपी कलानिधि नैथानी ने भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किसान नेताओं से बात की और आंदोलन स्थल का दौरा भी किया। इसके अलावा आंदोलन समिति की ओर से भी वालंटियर बढ़ाने की कवायद तेज कर दी गई है। किसान नेता राकेश टिकैत की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। आंदोलनकारी किसानों के 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालने की घोषणा के चलते किसानों का आंदोलन स्थल पर पहुंचने का सिलसिला बना हुआ है। किसानों की बढती संख्या प्रशासन व पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। गणतंत्र दिवस का दिन नजदीक आने के साथ मामला ज्यादा तूल पकड़ता जा रहा है। शनिवार को एडीजी राजीव सब्बरवाल, आईजी प्रवीण कुमार, एसएसपी कलानिधि नैथानी, एसपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाह, एडीएम शैलेंद्र कुमार समेत कई अधिकारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत से बातचीत करने पहुंचे। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने राकेश टिकैत से 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड को लेकर बातचीत की। इसके साथ ही आंदोलन स्थल पर भी सुरक्षा व्यवस्था सख्त करने चर्चा हुई। आंदोलन कमेटी की ओर से जहां वालंटियर बढ़ाए जाने का फैसला लिया गया है, वहीं आंदोलन में आने वाले सभी लोगों की पहचान सुनिश्चित होने के बाद ही आंदोलन स्थल में दाखिल होने देने का निर्णय लिया गया है। गणतंत्र दिवस ट्रेक्टर परेड के मद्देनजर गाजीपुर बॉर्डर आंदोलन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कमेटी की ओर पांच सौ वालंटियर तैयार किए जाएंगे। आंदोलन में महिलाओं की संख्या काफी होने के चलते महिला वालंटियर भी बढ़ाई जाएंगी। सुरक्षा के लिए पूर्व सैनिकों व प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियों की सेवाएं भी ली जाने पर विचार किया गया है। इसके अलावा आंदोलन स्थल की सीसीटीवी कवरेज बढ़ाने और आंदोलन स्थल के चेक पोस्टों पर सभी वाहनों की जांच करने के बाद ही प्रवेश देने का निर्णय लिया गया है। समय समय पर सुरक्षा समिति टेंटो व ट्रॉलियों की जांच भी करेगी। गाजीपुर आंदोलन कमेटी के सदस्य जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि आंदोलन स्थल पर आए सन्दिग्ध लोगों को खदेड़ने वाले वालंटियर भूपेन्द्र सिंह को मंच पर सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को तड़के तीन बजे पूरे आंदोलन स्थल का मुआयना किया। उन्होंने टेंटों और ट्रालियों में सो रहे आंदोलनकारियों का हाल भी जाना। विदर्भ से आंदोलन में पहुंचीं किसानों की विधवाएं शनिवार को महाराष्ट्र के विदर्भ में तंगहाली के चलते मौत को गले लगाने वाली किसानों की करीब एक दर्जन विधवाएं यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) आंदोलन स्थल पर पहुंचीं। इन सभी महिलाओं ने अपने हाथों में ली तख्तियों पर अपने पतियों की फोटो लगाई हुई थीं। बिना कोई हल्ला किए ये महिलाएं आंदोलन स्थल पर शां‌त खड़ी थीं। पूछने पर उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से गाजीपुर बार्डर पहुंची हैं।

गाजियाबाद: नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन में किसानों की भीड़ बढ़ती जा रही है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से यूपी गेट (यूपी-दिल्ली बॉर्डर) पर किसानों के ट्रैक्टर पहुंचने का सिलसिला जारी है।

देर रात बिजनौर जनपद से करीब 300 ट्रैक्टरों का जत्था किसान नेता दिगंबर सिंह के नेतृत्व में आंदोलन स्थल पर पहुंचा है।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से किसानों के फोन उनके पास आ रहे हैं।

शुक्रवार और शनिवार की रात इस तरह के कई फोन आए।

किसानों ने उनसे पुलिस द्वारा रोके जाने की शिकायत भी की। दूसरी ओर सिंघु बार्डर पर आंदोलन स्थल से एक संदिग्ध के पकड़े जाने के बाद शनिवार को यूपी गेट पर भी आंदोलन स्थल की सुरक्षा बड़ा मुद्दा रहा।

एडीजी और आईजी खुद आंदोलन स्थल पर पहुंचे। डीएम डॉ. अजय शंकर पांडेय व एसएसपी कलानिधि नैथानी ने भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किसान नेताओं से बात की और आंदोलन स्थल का दौरा भी किया।

इसके अलावा आंदोलन समिति की ओर से भी वालंटियर बढ़ाने की कवायद तेज कर दी गई है। किसान नेता राकेश टिकैत की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है।

आंदोलनकारी किसानों के 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालने की घोषणा के चलते किसानों का आंदोलन स्थल पर पहुंचने का सिलसिला बना हुआ है।

किसानों की बढती संख्या प्रशासन व पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है।

गणतंत्र दिवस का दिन नजदीक आने के साथ मामला ज्यादा तूल पकड़ता जा रहा है।

शनिवार को एडीजी राजीव सब्बरवाल, आईजी प्रवीण कुमार, एसएसपी कलानिधि नैथानी, एसपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाह, एडीएम शैलेंद्र कुमार समेत कई अधिकारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत से बातचीत करने पहुंचे। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने राकेश टिकैत से 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड को लेकर बातचीत की।

इसके साथ ही आंदोलन स्थल पर भी सुरक्षा व्यवस्था सख्त करने चर्चा हुई।

आंदोलन कमेटी की ओर से जहां वालंटियर बढ़ाए जाने का फैसला लिया गया है, वहीं आंदोलन में आने वाले सभी लोगों की पहचान सुनिश्चित होने के बाद ही आंदोलन स्थल में दाखिल होने देने का निर्णय लिया गया है।

गणतंत्र दिवस ट्रेक्टर परेड के मद्देनजर गाजीपुर बॉर्डर आंदोलन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कमेटी की ओर पांच सौ वालंटियर तैयार किए जाएंगे।

आंदोलन में महिलाओं की संख्या काफी होने के चलते महिला वालंटियर भी बढ़ाई जाएंगी।

सुरक्षा के लिए पूर्व सैनिकों व प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियों की सेवाएं भी ली जाने पर विचार किया गया है।

इसके अलावा आंदोलन स्थल की सीसीटीवी कवरेज बढ़ाने और आंदोलन स्थल के चेक पोस्टों पर सभी वाहनों की जांच करने के बाद ही प्रवेश देने का निर्णय लिया गया है।

समय समय पर सुरक्षा समिति टेंटो व ट्रॉलियों की जांच भी करेगी।

गाजीपुर आंदोलन कमेटी के सदस्य जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि आंदोलन स्थल पर आए सन्दिग्ध लोगों को खदेड़ने वाले वालंटियर भूपेन्द्र सिंह को मंच पर सम्मानित किया गया।

उन्होंने बताया कि किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को तड़के तीन बजे पूरे आंदोलन स्थल का मुआयना किया। उन्होंने टेंटों और ट्रालियों में सो रहे आंदोलनकारियों का हाल भी जाना।

विदर्भ से आंदोलन में पहुंचीं किसानों की विधवाएं शनिवार को महाराष्ट्र के विदर्भ में तंगहाली के चलते मौत को गले लगाने वाली किसानों की करीब एक दर्जन विधवाएं यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) आंदोलन स्थल पर पहुंचीं।

इन सभी महिलाओं ने अपने हाथों में ली तख्तियों पर अपने पतियों की फोटो लगाई हुई थीं।

बिना कोई हल्ला किए ये महिलाएं आंदोलन स्थल पर शां‌त खड़ी थीं। पूछने पर उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से गाजीपुर बार्डर पहुंची हैं।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker