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राम मंदिर के पुजारी की फर्जी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल, कांग्रेस नेता अरेस्ट

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Ram Mandir Priest Fake Picture: Social Media पर अयोध्या के राम मं‎दिर के पुजारी की फर्जी तस्वीर (Ram Mandir priest Fake picture ) Viral करने पर एक कांग्रेस नेता को ‎गिरफ्तार ‎किया गया है।

उन पर एक आपत्तिजनक तस्वीर साझा करने और यह दावा करने का आरोप है। इस आरोप में कांग्रेस नेता हितेंद्र पीथडिया (Hitendra Pithadiya) को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

राम मंदिर के पुजारी की फर्जी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल, कांग्रेस नेता अरेस्ट - Fake picture of Ram temple priest goes viral on social media, Congress leader arrested

‘X’ पर साझा की आपत्तिजनक तस्वीर

तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का पुजारी (Ram Temple Under Construction Priest ) है। प्रदेश कांग्रेस की Website के अनुसार, पीथडिया Party की अनुसूचित जाति इकाई के अध्यक्ष हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (B J P) के स्थानीय नेता वैभव मकवाना की शिकायत के आधार पर अहमदाबाद शहर पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने वेजलपुर इलाके के निवासी पीथडिया को गिरफ्तार किया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, साइबर अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त अजीत राजियन ने कहा ‎कि मामले में जांच जारी है। कांग्रेस नेता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 509 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से कहा गया शब्द, हाव-भाव या कृत्य) और 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।

राम मंदिर के पुजारी की फर्जी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल, कांग्रेस नेता अरेस्ट - Fake picture of Ram temple priest goes viral on social media, Congress leader arrested

दर्ज शिकायत में कहा गया है कि पीथडिया ने ‘X पर एक आपत्तिजनक तस्वीर साझा की और दावा किया कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति मोहित पांडे है, जिसे हाल ही में अयोध्या में राम मंदिर के पुजारी के रूप में नियुक्त किया गया है।

प्राथमिकी में मकवाना के हवाले से कहा गया है ‎कि जब मैंने Post में दावे की जांच की, तो मैंने पाया कि पोस्ट जानबूझकर पांडे जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति की तस्वीर का उपयोग करके बनाई गई थी।

इस फर्जी पोस्ट को हिंदू संतों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के इरादे से साझा किया गया था। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने एक महिला की जानकारी के बिना और यह जानते हुए भी कि इससे उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगा, उसकी अश्लील तस्वीर (Obscene Picture) साझा कर दी है।

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