झारखंड

ओलंपिक खेलने वाली झारखंड की पहली महिला हाॅकी खिलाड़ी बनीं निक्की प्रधान

खूंटी: जिले के मुरहू प्रखंड के गांव हेसल का नाम एक बार फिर स्वर्णाक्षरों में लिखा गया। गांव के एक बेहद साधारण परिवार की बेटी निक्की प्रधान ने ओलंपिक हाॅकी खेलने वाली झारखंड की पहली खिलाड़ी बन गयी है।

उसका चयन टोक्यो ओलंपिक के लिए हुआ है। इससे खूंटी सहित आसपास के इलाकों में खुशी की लहर है।

निक्की प्रधान हेसल निवासी सोमा प्रधान और जीतन देवी के की पांच संतानों में दूसरे नंर पर है। उसकी अन्य तीन बहन और एक भाई है। उसकी दो बहनें भी हाॅकी खिलाड़ी हैं।

बड़ी बहन शशि प्रधान रेलवे में कार्यरत है रेलवे टीक की ओर से खेलती है। इसके पूर्व निक्की ग्रीष्मकालीन ओलंपिक 2016 में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी है।

सबसे पहले उसने अंडर 19 हाॅकी में देश की ओर से खेल चुकी है। वह बेहद ही साधारण पृष्ठभूमि वाली लड़की है और उसकी इस उपलब्धि को गांव के बुद्धिजीवियों ने भी गौरवपूर्ण बताया।

लोगों का कहना है कि गांव में हॉकी को लेकर कोई रूझान नहीं होने के बावजूद निक्की के स्कूल के शिक्षक दशरथ महतो ने इसमें बड़ा योगदान दिया और उसे न केवल हॉकी सिखाई, बल्कि गांव की कई अन्य लड़कियों को भी खिलाड़ी बनाया, जिन्होंने राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर खूंटी को नयी पहचान दी।

निक्की की इस उपलब्धि से पेलौल स्कूल के सेवानिवृत्त शिक्षक और निक्की के प्रारंभिक कोच दशरथ महतो भी बेहद खुश हैं और इसे अपनी वर्षों की तपस्या और जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं।

उन्होंने माना कि निक्की को हॉकी सिखाने में काफी कठिनाई आई, लेकिन उसके अंदर की प्रतिभा के कारण उसे वह हॉकी खिलाड़ी बनाने में सफल रहे।

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