झारखंड

Ranchi : शगुफ्ता को कॉलेज ने नहीं दी थी रजिस्ट्रेशन की अनुमति!, क्या तनाव में आकर उठाया इतना बड़ा कदम?

रांची: राजधानी रांची के वीमेंस कॉलेज (Ranchi Women’s College) के B.Com थर्ड ईयर की छात्रा शगुफ्ता (Shagufta)ने फंदे से झूलकर अपनी जान दे दी।

उसका शव बुधवार को उसके करमटोली स्थित श्रेया हॉस्टल (Shreya Hostel) के कमरे से बरामद किया गया। मृतक का नाम शगुफ्ता परवीन है और वह बोकारो की रहने वाली थी।

बताया जा रहा है कि कॉलेज में थर्ड इयर की परीक्षा से डिमोट (Demoted from Third year Exam) कर दिए जाने की वजह से छात्रा तनाव में थी। आशंका व्यक्त की जा रही है कि छात्रा ने इसी तनाव में आकर खुदकुशी की होगी।

चार दिन पहले बोकारो से लौटी थी शगुफ्ता

पिता ने बताया कि कॉलेज की छुट्टी होने की वजह से शगुफ्ता अपने घर पर ही थी। चार दिन पहले वह हॉस्टल लौटी थी। दो दिन पहले वह खुद पुत्री से मिलकर गए थे। बीते मंगलवार की रात काफी अच्छे से उसके साथ बातचीत भी हुई थी। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि उनकी पुत्री ने ऐसा कदम उठाया है।

Ranchi : शगुफ्ता को कॉलेज ने नहीं दी थी रजिस्ट्रेशन की अनुमति!, क्या तनाव में आकर उठाया इतना बड़ा कदम? - Ranchi: Shagufta was not given permission for registration by the college, did she take such a big step under stress?

क्या है मामला

जानकारी के अनुसार शगुफ्ता श्रेया हॉस्टल के ऊपरी तल में अकेले रहती थी। बुधवार की सुबह काफी देर तक उसके कमरे का दरवाजा नहीं खुला। आसपास में रहने वाली उसकी दोस्तों ने कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन भीतर से कोई आवाज नहीं आयी, जिससे छात्राओं को अनहोनी का संदेह हुआ। घटना की जानकारी मिलने के बाद लालपुर थाने (Lalpur Police) की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस की टीम ने दरवाजा तोड़ा तो देखा कि छात्रा फंदे से लटकी हुई है।

पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनो को सौपा गया

पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया और रिम्स में पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनो को सौंप दिया है। मामले में पिता सेराज आलम के बयान पर लालपुर थाने में यूडी केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पिता सेराज ने बताया कि उनकी पुत्री तीन साल से रांची (Ranchi) में रहकर पढ़ाई कर रही थी। उसने साइंस में इंटर किया था। इसके बाद वह बीकॉम करने लगी। उसने बीकॉम पार्ट वन किया, पर पार्ट टू में उसका दो सबजेक्ट में अंक खराब आया था।

इस वजह से कॉलेज में उसे थर्ड ईयर में रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसको लेकर वह काफी तनाव में थी।

इसी बात को लेकर बीते मंगलवार को देर रात उनके साथ उसकी फोन पर बातचीत हुई। उन्होंने समझाया कि अगली बार फिर से ट्राइ करना है। हिम्मत नहीं हारना है। इसके बाद रात करीब 12 बजे वह सोने के लिए चली गई। सुबह में उसके कमरे का दरवाजा नहीं खुलने की जानकारी मिली और फिर सभी परिवार के लोग रांची पहुंचे।

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