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सचेत रहिए, थायरॉइड की समस्या केवल मोटापे से नहीं है संबंधित, अन्य बीमारियां…

Thyroid Awareness Must : आज के तनाव भरे दौर में बहुत सी बीमारियां कम उम्र में भी होने लगी है जो पहले नहीं होती थीं। पिछले एक दशक में वैश्विक स्तर पर बढ़ने वाली सेहत संबंधी समस्याओं पर नजर डालें तो पता चलता है कि डायबिटीज, हार्ट की बीमारियों के साथ Thyroid की समस्या भी तेजी से बढ़ी है।

यह ध्यान देना बहुत जरूरी है कि Thyroid जैसी बीमारी का संबंध केवल मोटापे से नहीं है। थायरॉइड ग्रंथि में होने वाली समस्याओं कारण आपको कई प्रकार की दिक्कतें हो सकती हैं।

Thyroid विकारों की समस्या किसी, को भी हो सकती है, यहां तक कि शिशुओं में भी इस विकार का खतरा देखा जाता रहा है। इसलिए इन विकारों के बारे में जानना और समय पर इनका उपचार किया जाना जरूरी हो जाता है।

सचेत रहिए, थायरॉइड की समस्या केवल मोटापे से नहीं है संबंधित, अन्य बीमारियां…

क्या है थायरॉइड विकार

Thyroid के लक्षणों के बारे में जानने से पहले इस विकार के बारे में समझना जरूरी है। थायरॉइड ग्रंथि एक छोटा सा अंग होता है जो गर्दन के सामने स्थित होता है, ये श्वासनली (ट्रेकिआ) के चारों ओर लिपटा जैसा होता है। अन्य ग्रंथियों की ही तरह से Thyroid ग्रंथि भी हार्मोन्स रिलीज करती हैं, जो आपके शरीर को विशिष्ट कार्य करने में मदद करती है।

जब थायरॉइड ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती है, तो इससे पूरा शरीर प्रभावित हो सकता है। यदि आपका शरीर बहुत अधिक थायरॉइड हार्मोन बनाता है, तो इसके कारण हाइपरथायरायडिज्म की समस्या हो सकती है वही कम थायरॉइड हार्मोन बनता है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। दोनों स्थितियां गंभीर हैं।

सचेत रहिए, थायरॉइड की समस्या केवल मोटापे से नहीं है संबंधित, अन्य बीमारियां…

थायरॉइड में वजन बढ़ने की समस्या

थायरॉइड की स्थिति को अक्सर मोटापे से जोड़कर देखा जाता रहा है, पर वजन बढ़ने की समस्या सिर्फ Hypothyroidism में होती है। शरीर जब थायरॉइड हार्मोन कम बनाता है तो इसके कारण मेटाबॉलिक रेट में भी समस्या आने लगती है।

इसके कारण बॉडी मास इंडेक्स (BMI) बढ़ने और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। पर इसका उल्टा अगर किसी को Hyperthyroidism की दिक्कत है तो इसके कारण आपका वजन बहुत कम हो सकता है।

सचेत रहिए, थायरॉइड की समस्या केवल मोटापे से नहीं है संबंधित, अन्य बीमारियां…

थायरॉइड के इन लक्षणों को भी जानिए

हाइपोथायरॉइडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं जिनपर ध्यान देते रहना आवश्यक होता है।

अतिसक्रिय थायरॉइड (हाइपरथायरायडिज्म) की स्थिति में इस तरह की दिक्कतें हो सकती हैं।

• चिंता, चिड़चिड़ापन और घबराहट का अनुभव होना।

सोने में परेशानी होना।

वजन घटना, मांसपेशियों की कमी।

मांसपेशियों में कमजोरी और कपन होना।

अनियमित मासिक धर्म या मासिक धर्म चक्क रुक जाना।

• गर्मी के प्रति संवेदनशील महसूस होना।

दृष्टि संबंधी समस्याए या आंखों में जलन होना।

निष्क्रिय थायरॉयड (हाइपोथायरायडिज्म) के लक्षण

यकावट-कमजोरी महसूस होना

वजन बढ़ने की समस्या।

• भारी मासिक धर्म होना।

बालों में रूखापन बढ़ना।

• कर्कश आवाज और ठंड के प्रति असहिष्णुता बढना।

दवाओं से मिल सकता है लाभ

डॉक्टर कहते हैं, थायरॉइड विकारों का इलाज किया जा सकता है। समय पर सही उपचार मिल जाने से शारीरिक समस्याओं को बढ़ने से रोकने में मदद मिल सकती है। थायरॉइड हार्मोन के स्तर को सामान्य पर वापस लाने में दवाइयों से मदद मिल सकती है। इसलिए जरूर है कि समय पर लक्षणों का सही निदान हो और उपचार हो।

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