झारखंड

आपलोग आदिवासी को बोका बोलते हैं लेकिन आदिवासी बोका नहीं रहा: हेमंत सोरेन

रांची: Jharkhand Legislative Assembly (झारखंड विधानसभा) के एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान शुक्रवार को सदन की कार्यवाही में मुख्यमंत्री Hemant Soren ने ऐतिहासिक फैसला लिया है।

विशेष सत्र में झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित हो गया।

भाजपा विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी (Ramchandra Chandravanshi) के संशोधन प्रस्ताव का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से झारखंड के युवाओं को सुरक्षा कवच देने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्व में भी सरकार ने आरक्षण तय किया था लेकिन बिना पूरी Study किये वह तैयार हुआ था। नतीजा यह हुआ कि वह विधेयक हाई कोर्ट (Bill High Court) में खारिज हो गया। हम ऐसा नहीं होने देंगे।

हर पहलू पर विचार कर सरकार इसे संविधान के 9 (ए) अनुसूची में भेजने की व्यवस्था इस विधेयक में की है। उन्होंने कहा कि ये लोग आदिवासी को बोका समझते हैं लेकिन यह इनकी भूल है अब आदिवासी (Trible) बोका नहीं रह गया। ऐसा कानून तैयार कर रहे हैं और उसके लिए ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं वह पुख्ता होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण (Reservation) को लेकर जो जटिलताएं थीं और जिसके कारण युवाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता था वैसी सभी जटिलताओं को इस विधेयक के माध्यम से दूर किया गया है।

हेमंत सोरेन ने कहा कि आपलोग आदिवासी को बोका समझते हैं

उन्होंने कहा कि आज ही झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (Jharkhand Public Service Commission) ने अकाउंटेंट का रिजल्ट निकाला है, जिसमें आरक्षण का पूरा-पूरा पालन तो किया ही गया है साथ ही गैर आरक्षित कोटे में भी सात सीटों पर चार आरक्षित कोटे के युवाओं का चयन हुआ है।

भाजपा को घेरते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि आपलोग आदिवासी को बोका समझते हैं। अब आदिवासी बोका नहीं रहा, जिसे आप बोका समझते हैं, वह आपको धो-पोछकर बाहर कर देगा।

संशोधन प्रस्ताव के जरिये आजसू विधायक लंबोदर महतो (AJSU MLA Lambodar Mahto) ने कहा कि राज्य सरकार जनता को दिग्भ्रमित कर रही है। इसे केंद्र के पास भेजने का कोई मतलब नहीं है।

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