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झारखंड : विधायक ममता देवी को हुई 5 साल की सजा, 10 हजार का जुर्माना

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हजारीबाग: रामगढ़ (Ramgarh) के गोला में हुए वर्ष 2016 में बहुचर्चित गोलीकांड में हजारीबाग कोर्ट (Hazaribagh Court) ने आरोपी विधायक ममता देवी (MLA Mamta Devi) को आज मंगलवार को सजा सुना दी है।

कोर्ट ने रामगढ़ विधायक ममता देवी को 5 साल की सजा सुनायी है। बता दें कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने विधायक ममता देवी समेत 13 लोगों को इस गोलीकांड का दोषी करार दिया था।

विधायक पर 10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। व्यवहार न्यायालय के अपर न्यायाधीश (Judge) विशेष न्यायालय MP-MLA की अदालत ने रजरप्पा थाना कांड संख्या 17/2016 मे सुनवाई करते हुए मुख्य आरोपी राजीव जायसवाल, विधायक ममता देवी, कुंवर महतो, दिलदार अंसारी, भावेश्वर भगत, यदु महतो, मनोज, पूजा, कालेश्वर महतो, लाल बहादुर महतो, वासुदेव प्रसाद, आदिल इनामी, अभिषेक कुमार सोनी और सुभाष महत्व को भादवि की धारा 147, 148,149,341,353,324 325,326,340,338,309,504,506 427 और 435 में दोषी पाया था।

क्या है गोला का गोलीकांड मामला?

दरअसल 20 अगस्त 2016 को रामगढ़ के गोला थाना क्षेत्र में आइपीएल कंपनी (IPL Company) को बंद कराने को लेकर कंपनी के सामने ममता देवी के नेतृत्व नागरिक चेतना मंच के बैनर तले लगभग 150-200 की संख्या में ग्रामीण धरना पर बैठे थे।

इसी क्रम में अचानक ग्रामीण उग्र हो गये थे। पुलिस को आत्मरक्षा और बचाव को लेकर फायरिंग करनी पड़ी थी। फायरिंग में राम लखन महतो पिता जानकी महतो ,दशरथ नायक की मृत्यु हो गई थी वहीं दो से तीन दर्जन लोग घायल भी हो गये थे।

सुरक्षा में बतौर मजिस्ट्रेट (Magistrate) तैनात CO, BDO और थानेदार सहित अन्य जवानों को भी चोट आयी थी। गोली कांड को लेकर रजरप्पा और गोला थाना कांड में चार अलग अलग प्राथमिकी दर्ज (FIR) करायी गयी थी।

इनमें गोला थाना में कांड संख्या 65/2016 , रजरप्पा थाना कांड संख्या 81/2016, गोला थाना कांड संख्या 79/2016 शामिल है।

मामले में कुल 45 लोगों ने दी थी गवाही

इस गोलीकांड मामले में कुल 45 लोगों की गवाही हुई थी। घटना के बाद गोला बीडीओ दिनेश कुमार सुरीन के फर्द बयान पर रजरप्पा थाना (Rajarappa Police Station) में मामला दर्ज किया गया था।

अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजक सरोज लकड़ा अधिवक्ता मनोज कुमार और आत्मा राम चौधरी ने अपना पक्ष रखा एवम बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता संसार जायसवाल ने अपना पक्ष रखा था।

और इसी के साथ लगभग 6 सालों के बाद इस मामले के दोषियों को सजा सुनाई गई।

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