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फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश के समय मुझे भी लैंगिक असमानता से होना पड़ा था दो-चार: पूजा भट्ट

मुंबई: दिग्गज फिल्म निर्माता महेश भट्ट की बेटी और प्रख्यात अभिनेत्री-फिल्म निर्माता पूजा भट्ट ने बताया कि जब मैंने इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष आरंभ किया तो मुझे भी लैंगिक असमानता का सामना करना पड़ा था।

फिल्म इंडस्ट्री में आने पर पहली बार महसूस हुआ कि यहां जीवन इतनी आसान नहीं है, जितना कि बाहर से दिखाई देता है।

पूजा भट्ट ने कहा हालांकि, मैं खुश हूं कि मैंने ऐसे माता-पिता के घर जन्म लिया, जहां मां और पापा के लिए अलग-अलग नियम नहीं थे।

उन्होंने मुझे कभी यह अहसास नहीं होने दिया गया कि बेटी होने कारण मुझे किसी विषय विशेष पर राय नहीं देनी चाहिए या मुझे अपनी जिंदगी को लेकर निर्णय नहीं लेना चाहिए।

मेरे लिए समस्या तब शुरू हुई जब मैं इंडस्ट्री में आई और स्टार बन गई।

उन्होंने कहा कि उद्योग में लोगों ने उनसे एक खास तरह की अपेक्षा की, जो ठीक नहीं थी।

उन्होंने कहा हिंदी फिल्मों में नायिका का एक तय पैटर्न था, जिसे मुझे फॉलो करना था।

मुझे लगा कि मुझे ऐसा क्यों करना चाहिए ? बस, इसे लेकर मीडिया के एक हिस्से और मेरे बीच चीजें टकरा गईं।

फिर जब जबकि वह मेरे और मीडिया के कुछ वर्गों के बीच घर्षण का बिंदु बन गया था। जब मैंने अच्छा काम किया, तो मुझे सराहना मिली।

उन्होंने कहा जब मैं निर्माता बनना चाहती थी, तो उसे भी दयालुता से नहीं देखा गया।

कहा गया कि आप अभी जवान हैं, आप कैमरे के सामने आना बंद न करें।

फिल्में बनाने का काम हम पुरुषों को करने दें। हालांकि, जब पूजा निर्माता बन गईं, तो उन्होंने तय किया कि वे पुरुष और महिला अभिनेताओं के बीच भेदभाव नहीं करेंगी।

उन्होंने कहा कि मैंने 10 फिल्में बनाई हैं और मेरी सभी अभिनेत्रियों को अभिनेताओं की तुलना में ज्यादा पैसा दिया गया।

 इसे लेकर शिकायतें भी की गईं। ऐसा उन फिल्मों में हुआ है, जहां महिला किरदार निर्णायक भूमिकाओं में थीं।

भूमिका तय करती है कि आप क्या है और आपको कहां खर्च करने की जरूरत है।

पूजा जल्द ही महिलाओं पर केंद्रित वेब सीरीज बॉम्बे बेगम में दिखाई देंगी। यह 5 महत्वाकांक्षी महिलाओं की कहानी है।

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