भारत

आजम खान बोले, दरोगा ने कहा- रामपुर में बचकर रहें हो सकता एनकाउंटर

इशारों ही इशारों में आजम ने जमकर हमला भी बोला

रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) आज दो साल बाद जेल से रिहा होने के बाद अपने घर पहुंचे।

इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जब वह जेल में थे तो उनसे एक दारोगा उनका बयान लेने आया था। इस दौरान दारोगा ने कहा था बचकर रहें।

जमानत मिलने के बाद अगर रामपुर आएं तो भूमिगत रहें। आपका एनकाउंटर भी हो सकता है।

घर पहुंचे आजम खान ने अखिलेश यादव को लेकर पूछे गए सवाल पर चुप्पी साधी। इशारों ही इशारों में आजम ने जमकर हमला भी बोला।

शेरों-शायरी के जरिए उन्होंने कहा, मेरी तबाहियों में मेरे अपनों का हाथ। उन्होंने कहा, जेल में उन्हें एनकाउंटर की एक दारोगा ने धमकी भी दी थी।

जमानत को लेकर आजम ने कहा मैंने यह साबित करने की कोशिश की थी कि मेरी ईमानदारी संदिग्ध नहीं है। मुझे सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला। कहा कि उनके परिवार के साथ जो-जो जुल्म हुए उन्हें भूल नहीं सकते।

उन्होंने कहा-मेरे शहर को उजाड़ दिया था, सिर्फ इसलिए कि यहां तुम्हारी आबादी है। तारीख को तोड़ा-मरोड़ा जा सकता है लेकिन भुलाया नहीं जा सकता।

आजम खां ने कहा कि जो कुछ भी हमारे साथ जेल में हुआ है वो हमारे चेहरे से नजर आ रहा होगा। इस सरकार को हमसे इतनी नफरत क्यों है, मैं ये समझ नहीं पा रहा हूं। कभी मुलाकात होने पर यह जानने की कोशिश करूंगा।

मेरा 40 साल का सफर बेकार नहीं जाएगा

ज्ञानवापी मामले पर सवाल के जवाब में खां ने कहा कि बाबरी और ज्ञानवापी की सुनवाई में काफी अंतर है। बाबरी पर सालों बाद फैसला आया था। ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट ने चंद दिनों में आदेश दिए है।

आजम खां हर मुद्दे पर खुलकर बोले लेकिन सवाल जब अखिलेश यादव को लेकर किए गए तो वह टालते ही नजर आए।

जेल में मुलाकात करने वालों को लेकर उन्होंने कहा कि जो जेल में मिलने आए, उनका शुक्रिया। उनका भी शुक्रिया जो मुलाकात करने नहीं आए।

जमानत को लेकर आजम खां ने कहा कि जज साहब ने कहा है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ साक्ष्य नहीं हैं उसे जेल में क्यों बंद कर रखा है।

इसके बाद चुनाव को लेकर उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। कहा कि मैं मुल्क जमीन और जमीर बेचने वाला नहीं हूं। मैं मोबाइल चलाना भी भूल गया हूं।

आजम खां ने प्रेसवार्ता में सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट को शुक्रिया कहा। इसके बाद उन्होंने बताया कि मेरी तबियत खराब है। तकलीफ भी बहुत है।

हमारा मिशन कभी राजनीतिक नहीं रहा। 40 साल के सियासी सफर में कभी कोई गलत काम नहीं किया। हमने अपना शहर कैसे बसाया था, देख सकते हैं।

हमारा बुनियादी मकसद था लोगों की सेवा करना। सबसे पहले मुझ पर आठ केस दर्ज किए गए। सभी मामलों में वादी पक्ष ने केस वापस ले लिए। हमने जो जमीन ली उसके पैसे दिए। मैंने कभी किसी की जमीन नहीं हड़पी।

आजम खां ने कहा कि हमारे परिवार के साथ जो हुआ उसे भूल नहीं सकते। हमारे शहर को उजाड़ दिया गया। मेरा 40 साल का सफर बेकार नहीं जाएगा।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker