झारखंड

हेमंत सोरेन 8 दिसंबर को गढ़वा से शुरू करेंगे खतियानी जोहार यात्रा

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) आठ दिसंबर को गढ़वा से खतियानी जोहार यात्रा (Khatiani Johar Tour) शुरू करेंगे। इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है।

यात्रा के पहले चरण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तीन प्रमंडलों के दो-दो जिलों का यात्रा करेंगे। यात्रा के माध्यम से हेमंत सोरेन जनता के बीच जाकर जनकल्याणकारी योजना (Public Welfare sScheme) की जानकारी लेंगे। साथ ही सरकार की तीन साल की उपलब्धियां भी गिनाएंगे।

यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री प्रमंडल और जिले के उच्च स्तरीय अधिकारी, जनप्रतिनिधियों के साथ रिव्यू मीटिंग करेंगे। इस मीटिंग का उद्देश्य योजनाओं के धरातल पर उतारने की सफलता की जानकारी लेने के साथ और क्षेत्रों में लॉ एंड ऑर्डर (Law And Order) व्यवस्था की स्थिति की भी जानकारी लेना है।

इन सबके अलावा खतियान जोहार यात्रा के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। इसमें सबसे प्रमुख UPA गठबंधन कार्यकर्ताओं के साथ जिला स्तर पर अगर कोई दूरी है, तो उसे पाटने के साथ ही 2024 के चुनाव को लेकर तैयारी की भी शुरूआत करना है।

पहले चरण में तीन प्रमंडलों के जिलों में होगी यात्रा

खतियान जोहार यात्रा के पहले चरण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तीन प्रमंडल पलामू, दक्षिण छोटानागपुर और संथाल परगना का दौरा करेंगे।

– आठ और नौ दिसंबर को पलामू प्रमंडल के गढ़वा और पलामू।

-12 और 13 दिसंबर को दक्षिण छोटानागपुर के गुमला और लोहरदगा।

– 15 को गोड्डा और 16 दिसंबर को देवघर जायेंगे।

हर प्रमंडल के दौरे के पहले दिन मुख्यमंत्री जिले में कार्यकर्ताओं के साथ आम बैठक करेंगे। आम बैठक में वे गठबंधन के कार्यकर्ताओं की बातों को सुनेंगे।

कार्यकर्ताओं के बीच कोई नाराजगी होगी, तो मुख्यमंत्री उसे दूर करेंगे। दूसरे दिन मुख्यमंत्री दूसरे जिले पहुंचेंगे, जहां वे रिव्यू मीटिंग करेंगे।

इसमें दोनों जिलों और प्रमंडल के अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। उसी दिन वे दूसरे जिले में कार्यकर्ताओं के साथ जनसभा करेंगे।

खतियानी जोहार यात्रा के दौरान हर जिले में संयुक्त रूप से रैलियां निकाली जाएंगी। इसमें UPA के सभी नेता शामिल रहेंगे। रैलियों के जरिए मुख्यमंत्री और UPA नेता घोषणापत्र में किए वादों को भी जनता को बताएंगे, जो इस प्रकार हैं।

– पुरानी पेंशन योजना बहाली का काम।

-ओबीसी वर्ग सहित अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के आरक्षण का दायरा बढ़ाना।

-किसानों के लिए ऋण माफी और फसल राहत योजना ।

– पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के लिए मानदेय और नियमावली।

-1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति।

– सरना धर्म कोड (Sarna Dharma Code) का प्रस्ताव विधानसभा से पास कर केंद्र को भेजना आदि शामिल हैं।

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