झारखंड

झारखंड HC ने रांची नगर निगम के चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों के प्रमोशन नहीं करने पर जताई नाराजगी

रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायमूर्ति दीपक रोशन की कोर्ट में शुक्रवार को रांची नगर निगम में फोर्थ ग्रेड में नियुक्त कर्मियों के थर्ड ग्रेड में प्रमोशन से संबंधित अवमानना याचिका की सुनवाई हुई।

कोर्ट ने मामले में रांची नगर निगम और डायरेक्टरेट ऑफ म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन (Directorate of Municipal Administration) के एक दूसरे पर मामले को टालने को लेकर भी हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई।

2007 में रांची नगर निगम ने लिया था निर्णय

कोर्ट ने कहा कि अगर अगली सुनवाई 11 नवंबर के पहले रांची नगर निगम और डायरेक्टरेट ऑफ म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों के Third Grade में प्रमोशन पर निर्णय ले लेता है तो ठीक है अन्यथा डायरेक्टरेट ऑफ म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरमैन, रांची नगर निगम के नगर आयुक्त और नगर विकास विभाग के सचिव अगली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि रांची नगर निगम कर्मचारी संघ की ओर से High Court में याचिका दाखिल कर कहा गया था कि उनकी नियुक्ति फोर्थ ग्रेड हुई थी, लेकिन रांची नगर निगम उनसे थर्ड ग्रेड का काम ले रहा है।

ऐसा करते हुए 10 वर्ष से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन अब तक उन्हें थर्ड ग्रेड में प्रमोशन नहीं दिया गया है। कर्मियों का कहना था कि चूंकि रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation) ने उन्हें थर्ड ग्रेड के एलिजिबल समझा है इसीलिए उनसे फोर्थ ग्रेड की बजाए थर्ड ग्रेड का काम लिया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में रांची नगर निगम ने निर्णय लिया था कि जो फोर्थ ग्रेड पर काम कर रहे हैं उन्हें थर्ड ग्रेड पर प्रमोशन या थर्ड ग्रेड के पद पर समायोजित किया जाएगा।

रांची नगर निगम की ओर से कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया

रांची निगम बोर्ड की बैठक में इससे संबंधित रेजोल्यूशन (Resolution) भी पास किया था। लेकिन 15 साल बीत जाने के बाद भी उन्हें थर्ड ग्रेड में प्रोन्नति नहीं दी गई। दरअसल प्रार्थी की ओर से हाई कोर्ट में रिट दाखिल की गई थी।

इसपर हाई कोर्ट की एकल पीठ ने आदेश दिया था कि रांची नगर निगम की बोर्ड ने जब निर्णय लिया है कि ये कर्मी उच्च पद पर काम कर रहे हैं और वे थर्ड ग्रेड के पद के लिए एलिजिबल (Eligible) है इसलिए उन्हें प्रमोट कर देंगे , तो रांची नगर निगम की बोर्ड अपने इस निर्णय को लागू करें।

लेकिन रांची नगर निगम की ओर से Court के इस आदेश का पालन नहीं किया गया। इसके बाद प्राथी की ओर से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई।

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