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NEET पेपर लीक मामले में झारखंड से गिरफ्तार तीन आरोपी निकले साइबर क्रिमिनल

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NEET Paper Leak : NEET पेपर लीक मामले में झारखंड (Jharkhand) के देवघर (Deoghar) से अरेस्ट (Arrest) किए गए तीन सेटर साइबर अपराधी (Cyber Criminal) निकले हैं।

चिंटू उर्फ बालदेव कुमार 4 मई की देर रात को पटना के खेमनीचक में हुई छापेमारी (Raid) के बाद ही देवघर फरार हो गया था।

उसे कारू उर्फ राजीव कुमार ने अपनी गाड़ी से लेकर देवघर गया था। इनके साथ वहां पंकू कुमार और बिट्टू उर्फ परमजीत सिंह भी गए थे।

छापेमारी के दौरान अन्य के साथ ये सभी भी गिरफ्तार हुए थे। जांच में पता चला कि कारू, पंकू और बिट्टू साइबर अपराधी हैं। ये बड़ा गिरोह चलाते हैं।

लोगों से हर तरह से साइबर ठगी करते हैं। ठगी के पैसे से ही कारू ने अमेज गाड़ी खरीदी थी।

साइबर ठग रंजन की तलाश में जुटी है EOU की टीम

देवघर में AIMS के पास झुन्नू सिंह के जिस फार्म हाउस से इन्हें गिरफ्तार किया गया था, यह इनके छिपने का ठिकाना था।

झुन्नु और कारू एक ही गांव नालंदा के एकंगरसराय थाना के कुंडवापर गांव के रहने वाले हैं। इन तीनों का गिरोह बिहार में शेखपुरा जिला के शेखोपुरसराय थाना के मोसीमपुर गांव के रहने वाले कुख्यात साइबर ठग रंजन कुमार के लिए काम करता है। फिलहाल EOU की टीम रंजन की तलाश में जुट गई है।

जांच में सामने आ गई साइबर ठगी की करतूत

चिंटू के संपर्क में आकर इस बार इन तीनों साइबर अपराधियों ने नीट प्रश्न-पत्र लीक मामले में भी हाथ आजमाया।

ये लोग EOU के हत्थे चढ़ गए और जांच में साइबर ठगी की पूरी करतूत भी सामने आ गई। इसके मद्देनजर EOU ने एक अलग से FIR 22 जून को दर्ज की है, ताकि साइबर ठगी और अवैध सिम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।

NEET पेपर लीक से साथ ही साइबर ठगी से जुड़े मामलों की गहन जांच होगी।

फर्जी दस्तावेज से लिया था सिम

शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि इन साइबर ठगों ने फर्जी दस्तावेज की मदद से सिम कार्ड और मोबाइल फोन नवादा के अलावा देवघर समेत कुछ झारखंड के अन्य शहरों से लिए थे।

नवादा में जिन डीलरों के यहां से इन्होंने फर्जी दस्तावेज पर सिम लेकर इसे एक्टिवेट कराया था, उन सभी के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है।

इसके बाद इनके खिलाफ व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। चूंकि दूर संचार मंत्रालय के नियमानुसार, बिना सही पहचान के कोई सिम सक्रिय नहीं करना है, फिर भी इन्हें गलत नाम-पता और दस्तावेज पर सिम सक्रिय करके कैसे मिल गए।

फर्जी दस्तावेज पर मोबाइल बेचने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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