झारखंड

रानी चिल्ड्रेन अस्पताल मामला : निदेशक को अग्रिम जमानत देने से कोर्ट ने किया इंकार

डॉ राजेश कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है

रांची: अपर न्यायायुक्त प्रकाश झा (Prakash Jha) की अदालत ने शनिवार को रानी चिल्ड्रेन अस्पताल के निदेशक डॉ राजेश कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।

राजेश कुमार की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर अदालत में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। धोखाधड़ी से जुड़े मामले में कोर्ट ने डॉ राजेश को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है।

डॉ राजेश के ऊपर एफआईआर दर्ज कराने वाले मृत के परिजनों की ओर से रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अविनाश पांडेय ने कोर्ट में बहस की।

बहस के दौरान उन्होंने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल के बच्चे को रानी चिल्ड्रेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

इलाज के क्रम में बच्चे की मौत हो गई, लेकिन उसके बावजूद मृत बच्चे को इलाजरत बताकर अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों से पांच लाख रुपये के बिल का भुगतान कराया।

बच्चे की मौत दो दिन पहले हो गई थी

इस घटना को लेकर अस्पताल में काफी हंगामा भी हुआ था। इसके बाद परिजनों के द्वारा अस्पताल प्रबंधन और डॉ राजेश कुमार के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

प्राथमिकी में डॉ राजेश और अस्पताल प्रबंधन पर ठगी सहित कई गंभीर आरोप लगाये गये है।

शुरुआती जांच रिपोर्ट में बताया गया कि बच्चा लकवा पीड़ित है और उसके दाया हाथ में लकवा का लक्षण है। इस वजह से बच्चे का हाथ सही तरीके से काम नहीं कर रहा है।

डॉ राजेश ने बताया कि न्यूरो फिजिशियन बुलाकर इलाज करवा रहे हैं। फिर मौत के बाद परिजनों के हंगामे पर डॉ राजेश ने लिखित रूप से परिजनों को बताया कि रांची में न्यूरो फिजीशियन नहीं है, जिस वजह से बच्चे की मौत हो गई।

परिजनों ने आरोप लगाया था कि बच्चे की मौत दो दिन पहले हो गई थी। इसके बावजूद इलाज के नाम पर पैसा की ठगी की गई।

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