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वसीम रिजवी से हिन्दू बने जितेंद्र नारायण अब संन्यास बाद बनेंगे कृष्णानंद भारती

स्वामी आनंद स्वरूप से संन्यास लेने की इच्छा जताई थी

हरिद्वार: उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के इस्लाम छोड़कर हिन्दू धर्म अपनाने के बाद उनके संन्यास (Sannyas) लेने की तैयारियों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।

संन्यास प्रक्रिया में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ ही केंद्र के अन्य बड़े नेता और दूसरे प्रदेशों के संत भी मौजूद रहेंगे। सीएम धामी से संन्यास प्रक्रिया कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तारीख मिलने का इंतजार किया जा रहा है।

हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीट मामले में जेल से बाहर आने के बाद वसीम रिजवी ने शांभवी पीठाधीश्वर व शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप से संन्यास लेने की इच्छा जताई थी।

इसके बाद शांभवी पीठाधीश्वर के साथ रिजवी संतों से मुलाकात करने के लिए भी पहुंचे थे। वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के संन्यासी नाम की भी घोषणा हो चुकी है।

वो आखिरी बार अपने परिवार से मिलने गए हैं

संन्यास के बाद उनका नया नाम प्रज्ञानंद होना था, लेकिन स्वामी आनंद स्वरूप ने बताया कि जितेंद्र नारायण त्यागी ने इच्छा जताई थी कि वो भगवान श्री कृष्ण के नाम पर अपना नाम रखना चाहते हैं।

ऐसे में अब उनका नाम कृष्णानंद भारती सोचा गया है। आगामी 3 से 10 जून के बीच कभी भी उनको संन्यास दिलवाया जा सकता है।

संन्यास कार्यक्रम निरंजनी अखाड़ा में ही आयोजित होगा। शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने बताया कि फिलहाल, जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी अपने घर लखनऊ में हैं।

उन्हें आखिरी बार अपने परिवार से मिलने का मौका दिया गया है। क्योंकि, संन्यास के बाद कोई भी संत अपने परिवार से रिश्ता नहीं रखता है। इसलिए वो आखिरी बार अपने परिवार से मिलने गए हैं।

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