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… और इस तरह जॉर्डन दोस्त देश को छोड़ दुश्मन इजरायल के साथ हो गया खड़ा…

परिस्थितियों के कारण ऐसा कभी-कभार होता है। ईरान (Iran) के इजरायल (Israel) पर हमले करने के बाद इजरायल कभी भी ईरानी हमले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकता है।

Jordan Stood for Israel: परिस्थितियों के कारण ऐसा कभी-कभार होता है। ईरान (Iran) के इजरायल (Israel) पर हमले करने के बाद इजरायल कभी भी ईरानी हमले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकता है।

इससे पूरी दुनिया डरी हुई है कि कहीं यह तीसरे विश्व युद्ध् में ना बदल जाए। इस बीच इजरायल पर ईरान के हमले में चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि आखिर मुस्लिम देश (Muslim Country) होकर भी जॉर्डन ने अपने दुश्मन देश इजरायल का साथ क्यों दिया?

… और इस तरह जॉर्डन दोस्त देश को छोड़ दुश्मन इजरायल के साथ हो गया खड़ा… Jordan Stood for Israel Jordan left its friendly country and stood with its enemy Israel Jordan had shot down Iranian drones and missiles during the Israeli attack.

बता दें जब ईरान ने इजरायल पर ड्रोन, बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइलों से हमला किया, तब केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि Jordan ने भी रास्ते में ही दर्जन ईरानी ड्रोनों-मिसाइलों को मार गिराया।

अब सवाल उठता है कि अमेरिका तो इजरायल का ही साथ देगा, यह स्वाभाविक सी बात थी, लेकिन मुस्लिम देश होकर Jordan ने इजरायल (Israel) का साथ क्यों दिया और उसने ईरान के मिसाइलों को क्यों तबाह किया? गाजा में इजरायल और बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की आलोचना करने वाले जॉर्डन ने इजरायल का साथ क्यों दिया।

… और इस तरह जॉर्डन दोस्त देश को छोड़ दुश्मन इजरायल के साथ हो गया खड़ा… Jordan Stood for Israel Jordan left its friendly country and stood with its enemy Israel Jordan had shot down Iranian drones and missiles during the Israeli attack.

इस पर Jordan ने एक बयान में कहा उसने आत्मरक्षा के तहत ईरानी ड्रोन को रोका, न कि इजराइल की मदद करने के लिए। फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय की प्रतिक्रिया को जॉर्डन द्वारा एक संतुलन बनाए रखने के रूप में देखा जाता है, जो ईरान के सहयोगी हमास के खिलाफ इजरायल के युद्ध में फंसना नहीं चाहता है।

बता दें कि यह पहली बार है जब ईरान ने 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद शुरू हुई दशकों की दुश्मनी के बाद इजराइल पर सीधे तौर पर हमला किया है। भारत, अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, फ्रांस, ब्रिटेन आदि देशों ने इजराइल पर ईरान के हमले की निंदा की है।

जॉर्डन और इजरायल के रिश्तों की बात की जाए तो दोनों एक-दूसरे के दुश्मन हैं। हालांकि 1984 में जॉर्डन और इजरायल ने शांति संधि पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन उससे पहले जॉर्डन और इजरायल 1948 और 1973 के बीच चार युद्ध लड़ चुके हैं।

… और इस तरह जॉर्डन दोस्त देश को छोड़ दुश्मन इजरायल के साथ हो गया खड़ा… Jordan Stood for Israel Jordan left its friendly country and stood with its enemy Israel Jordan had shot down Iranian drones and missiles during the Israeli attack.

इतना ही नहीं, हमास-इजरायल जंग (Hamas-Israel War) में जॉर्डन ने इजरायल की निंदा भी की थी।

वहीं ईरान मामले में इजरायल ने जॉर्डन की भागीदारी का स्वागत किया है, जबकि Palestine ने जॉर्डन की भूमिका की निंदा की है। जॉर्डन की आबादी में ज्यादातर संख्या फिलिस्तीनियों की हैं। जॉर्डन में लगभग 30 लाख फ़िलिस्तीनी रहते हैं।

बता दें ईरान ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए रविवार तड़के इजराइल पर 170 ड्रोन ड्रोन, 120 से अधिक बैलेस्टिक मिसाइल तथा 30 Cruise Missile दागीं थी।

… और इस तरह जॉर्डन दोस्त देश को छोड़ दुश्मन इजरायल के साथ हो गया खड़ा… Jordan Stood for Israel Jordan left its friendly country and stood with its enemy Israel Jordan had shot down Iranian drones and missiles during the Israeli attack.

ईरान के इस हमले ने पश्चिम एशिया को एक युद्ध के करीब धकेल दिया है। इजराइली सेना का कहना है कि ईरान ने कई ड्रोन, क्रूज मिसाइल और Ballistic Missile दागीं, जिनमें से अधिकतर को इजराइल की सीमाओं के बाहर नष्ट कर दिया गया।

बात दें सीरिया में 1 अप्रैल को हवाई हमले में ईरानी वाणिज्य दूतावास में दो ईरानी जनरल के मारे जाने के बाद ईरान (Iran) ने बदला लेने का प्रण किया था. ईरान ने इस हमले के पीछे इजराइल का हाथ होने की बात कही थी।

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