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Junk फूड की मार! भारतीय महिलाओं में कॉमन हुई PCOS की समस्या, AIMS में 600 लड़कियां भर्ती

भाग-दौड़ से भरी इस जिंदगी में हम सभी अपनी सेहत (Health) का ख्याल रखना ही भूल गए हैं। इसलिए हमें आसानी से जो भी मिल जाता है हम उसे खाकर अपना पेट भर लेते हैं।

Junk Food : भाग-दौड़ से भरी इस जिंदगी में हम सभी अपनी सेहत (Health) का ख्याल रखना ही भूल गए हैं। इसलिए हमें आसानी से जो भी मिल जाता है हम उसे खाकर अपना पेट भर लेते हैं।

कई बार तो हम घर के बने पौष्टिक खाने (Healthy Food) को भी त्याग कर बाहर का जंक फूड (Junk Food ) खाना पसंद करते हैं। लेकिन आपको यह बात जानकर हैरानी होगी की जंग फूड खास तौर पर लड़कियों (Girls) की जिंदगी बर्बाद कर रहा है।

Junk फूड की मार! भारतीय महिलाओं में कॉमन हुई PCOS की समस्या, AIMS में 600 लड़कियां भर्ती Junk food attack! PCOS problem becomes common among Indian women, 600 girls admitted in AIMS

दरअसल AIMS Delhi की फर्टिलिटी OPD (Fertility OPD) में ऐसी ही 600 लड़कियां इलाज के लिए पहुंची हैं, जो अक्‍सर फास्‍ट फूड्स (Fast Foods) खाती हैं और अब गंभीर Health Issues से जूझ रही हैं।

कंसीव करने में हो रही है दिक्‍कतें

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All India Institute of Medical Sciences, नई दिल्‍ली में डिपार्टमेंट ऑफ गायनेकॉलोजी एंड ओब्‍टेट्रिक्‍स (Department of Gynecology and Obstetrics) में इलाज के लिए आई इन लड़कियों की एक ही परेशानी थी कि बच्‍चे नहीं हो रहे।

इनमें ज्‍यादातर 28 से 35 साल की लड़क‍ियां थीं। डॉक्‍टरों के मुताबिक जब इन महिलाओं की हिस्‍ट्री देखी गई तो इनके भोजन में Zunk Food का सेवन ज्‍यादा मिला था।

जिसकी वजह से इन्‍हें ओबेसिटी (Obesity) और PCOS की परेशानी हुई और फिर कंसीव करने में दिक्‍कतें आ रही थीं।

भारतीय लड़कियों में PCOS की परेशानी हो गयी है आम

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AIMS के इनफर्टिलिटी डॉक्‍टर और गायनेकॉलोजिस्‍ट डॉ. जेबी शर्मा बताते हैं, ‘भारतीय लड़कियों में पॉलिसिस्‍टक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) इतना कॉमन हो गया है कि देश की करीब 30 फीसदी नए उम्र की लड़कियां इससे पीड़‍ित हैं और इस वजह से उन्‍हें कंसीव करने में परेशानियां हो रही हैं।

मेरे पास ही ऐसी 600-700 लड़कियां इलाज के लिए आईं जो अच्‍छे परिवारों से हैं, खान-पान की कोई कमी नहीं है लेकिन इन्‍होंने जंक फूड बहुत ज्‍यादा खाया था। सहज उपलब्‍ध Fast Food जैसे पिज्‍जा, बर्गर, मैदा से बनीं ऐसी चीजें जो काफी दिनों तक प्रिजर्व हो जाती हैं, इन लड़कियों ने फ्रीक्‍वेंटली खाईं।’

डॉ.शर्मा कहते हैं कि इन लड़कियों की हिस्‍ट्री में देखा गया कि जंक फूड तो इन्‍होंने ज्‍यादा मात्रा में खाया ही, उसकी Timing भी अक्‍सर गड़बड़ थी। अक्‍सर रात या देर रात में ये फूड्स ज्‍यादा खाए गए। यही वजह रही कि जंक फूड्स की वजह से इनका वजन तेजी से बढ़ा और फिर पीसीओएस की समस्‍या हुई।PCOS भी इनफर्टिलिटी (Infertility) का बड़ा कारण है।

PCOS में लड़कियों को पीरियड्स (Periods) आने कम हो जाते हैं, अनियमित हो जाते हैं या अन्‍य पीरियड संबंधी दिक्‍कतें होने लगती हैं।

यह एक हार्मोनल समस्‍या है जो बच्‍चे पैदा करने में अड़चन बन जाती है। ऐसे में जिन्‍हें PCOS की बीमारी है और वे बच्‍चे पैदा करना चाहती हैं तो सबसे पहले इस बीमारी को ठीक करना जरूरी है।

जंक फ़ूड से बनाये दुरी

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डॉ. शर्मा बताते हैं कि फास्‍ट या Junk Food को सुरक्षित फूड नहीं कहा जा सकता। यह नुकसान ही करता है लेकिन फिर भी अगर कोई नहीं मानता है या कभी कभी मजबूरी में Junk Food खाना पड़ता है तो महीने में एक या दो मील से ज्‍यादा Junk Food न लें।

लड़कियां महीने में दो बार से ज्‍यादा बिल्‍कुल न खाएं और जब भी खा रही हैं तो समय का विशेष ध्‍यान रखें। Junk Food खाकर सो जाने के कई नुकसान हैं।

पेरेंट्स को बचपन से ही Junk Food को लेकर बच्‍चों को भी जागरुक करना चाहिए और एक बेरियर लगाना चाहिए कि इतने से ज्‍यादा बार उन्‍हें Junk Food खाने को नहीं मिलेगा।

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