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अब ये वस्तुएं न बाजार में बिकेंगे और न आप खरीद सकेंगे

अभी जो भी प्लास्टिक की वस्तुएं बाजार में उपलब्ध हैं, उसे न तो अब बेचा जा सकेगा और ग्राहक उसे खरीद सकेंगे। ऐसा करते पाए जाने पर सख्त कार्रवाई भी होगी

नई दिल्ली: पर्यावरण को हो रहे नुकसान के मद्देनजर केंद्र सरकार ने एक जुलाई से बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत अब बाजार में प्लास्टिक की वस्तुओं (Plastic Items) पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।

अभी जो भी प्लास्टिक की वस्तुएं बाजार में उपलब्ध हैं, उसे न तो अब बेचा जा सकेगा और ग्राहक उसे खरीद सकेंगे। ऐसा करते पाए जाने पर सख्त कार्रवाई भी होगी।

दुकानदार अब प्लास्टिक में बंद न तो कोई खाद्य पदार्थ बेच सकेंगे और न ही कैरी बैग आदि का इस्तेमाल किया जा सकेगा।

हालांकि इस पर प्रतिबंध के लिए उत्पाद केंद्रों पर ही नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी गई है। जिससे प्लास्टिक बाजार में उपलब्ध नहीं हो सके।

प्लास्टिक पर बैन (Ban) के लिए सरकार ने एक एप भी जारी किया है। जिसके जरिये प्लास्टिक बेचने और खरीदने वालों के खिलाफ शिकायत (Complaint against those who sell and buy plastic) भी की जा सकेगी।

साथ ही इसके लिए जगह-जगह शिकायत केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। एक राज्य से दूसरे राज्य प्लास्टिक से बने उत्पाद को ले जाना भी अब नामुमकिन हो जाएगा। क्योंकि राज्यों की सीमा पर ही वाहनों की जांच की जाएगी।

1 जुलाई 2022 ये वस्तुएं बैन

प्लास्टिक के साथ ईयर-बड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल) प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच जैसी वस्तुओं के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लग जाएगा।

भारत सरकार ने कूड़ा-करकट वाले सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।

स्ट्रॉ निर्भर बड़ा कारोबार

देश के सबसे बड़े डेयरी समूह अमूल (Amul) ने कुछ दिन पहले सरकार को पत्र लिखकर प्लास्टिक स्ट्रॉ पर लगने वाले प्रतिबंध को टालने का अनुरोध किया था।

अमूल ने कहा था कि सरकार के इस फैसले से दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक (Milk Producer) देश के किसानों और दूध की खपत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

पांच रुपये से 30 रुपये के बीच की कीमत वाले जूस और दूध वाले प्रोडक्ट्स का भारत में बड़ा कारोबार है। अमूल, पेप्सिको, कोका-कोला, मदर डेयरी जैसे तमाम कंपनियों के पेय पदार्थ प्लास्टिक स्ट्रॉ के साथ ग्राहकों तक पहुंचते हैं।

इस वजह से सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगने वाले बैन से बेवरेज कंपनियां परेशान हैं। सरकार ने साफ तौर पर कंपनियों से वैकल्पिक स्ट्रॉ पर स्विच करने को कह दिया है।

अब ये वस्तुएं न बाजार में बिकेंगे और न आप खरीद सकेंगे

कंपनियों की बढ़ी मुश्किलें

पारले एग्रो (Parle Agro), डाबर (Dabur) और मदर डेयरी (Mother Dairy) जैसे डेयरी प्रोडक्ट (Dairy Products) बनाने वाली कंपनियां पेपर स्ट्रा का इंपोर्ट शुरू कर चुकी हैं।

हालांकि, प्लास्टिक स्ट्रॉ के मुकाबले पेपर स्ट्रॉ की लागत अधिक पड़ रही है, लेकिन उत्पादों की बिक्री जारी रखने के लिए कंपनियां इसका सहारा ले रही हैं।

मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मनीष बंदलिश ने कुछ समय पहले कहा था कि हम पेपर स्ट्रॉ का आयात करेंगे। लेकिन ये मौजूदा प्लास्टिक स्ट्रॉ की तुलना में चार गुना अधिक महंगे हैं।

अब ये वस्तुएं न बाजार में बिकेंगे और न आप खरीद सकेंगे

सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है?

सिंगल यूज प्लास्टिक को एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है। इस तरह की प्लास्टिक को रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता है।

ज्यादातर सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) को जला दिया जाता है या फिर जमीन के नीचे दबा दिया जाता। इस वजह से ये पर्यावरण को लंबे वक्त तक नुकसान पहुंचाता है।

बता दें कि प्लास्टिक के इस्तेमाल से जमीन बंजर होती जा रही है। पानी भी दूषित होता जा रहा है। इन सबके बीच पर्यावरण (Environment) की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। हालांकि इसकी लंबे समय से एक वर्ग मांग भी करता आ रहा है।

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