भारत

पद्म पुरस्कार 2021 : बालसुब्रमण्यम, कल्बे सादिक, केएस चित्रा और नाम्बियार सहित कई हस्तियां सम्मानित

राष्ट्रपति ने पार्श्व गायक एसपी बालसुब्रमण्यम को कला के लिए मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया

नई दिल्ली: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने पार्श्व गायक एसपी बालसुब्रमण्यम, इस्लामिक विद्वान मौलाना वहीद्दुीन खान, गायिका के.एस. चित्रा, डॉ. कल्बे सादिक, वरिष्ठ सिख नेता सरदार त्रलोचन सिंह, पीटी उषा के कोच ओ. एम. नाम्बियार और टेबल टेनिस खिलाड़ी मौमा दास को प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया।

राष्ट्रपति कोविन्द ने मंगलवार शाम को राष्ट्रपति भवन में 2021 के नागरिक अलंकरण समारोह- I I में तीन पद्म विभूषण, पांच पद्म भूषण और 46 हस्तियों को पद्म  पुरस्कार प्रदान किए।

इससे पहले सुबह के प्रथम सत्र में चार पद्म विभूषण, पांच पद्म भूषण और 51 हस्तियों को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।राष्ट्रपति ने पार्श्व गायक एसपी बालसुब्रमण्यम को कला के लिए मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके पुत्र एस पी कल्याण चरन ने पुरस्कार प्राप्त किया।

डॉ. नरिन्द्र सिंह कपानी के विज्ञान के लिए मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी पुत्री ने यह पुरस्कार प्राप्त किया। इस्लामिक विद्वान मौलाना वहीद्दुीन खान को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके पुत्र ने पुरस्कार प्राप्त किया।

राष्ट्रपति ने केरल की गायिका के.एस. चित्रा को पद्म भूषण पुरस्कार प्रदान किया। साहित्य और शिक्षा के लिए कर्नाटक के डॉ. चंद्रशेखर बी कामबार, अध्यात्म के लिए डॉ. कल्बे सादिक को मरणोपरांत पद्म भूषण प्रदान किया गया। पुरस्कार उनके पुत्र ने प्राप्त किया।

व्यापार और उद्योग के लिए महाराष्ट्र के रजनीकांत देवीदास श्रोफ, वरिष्ठ सिख नेता सरदार त्रलोचन सिंह को लोक कार्य के लिए पद्म भूषण प्रदान किया गया। राष्ट्रपति ने देश को पीटी उषा देने वाले कोच ओ. एम. नाम्बियार को मरणोपरांत पद्म श्री से नवाजा गया। पुरस्कार उनकी पत्नी ने प्राप्त किया।

खेल के लिए टेबल टेनिस खिलाड़ी मौमा दास और असम आंदोलन की अगुवा रही बिजॉय चक्रवर्ती को पद्म श्री से सम्मानित किया गया। वहीं काशी के राजा नाम से विख्यात रहे जगदीश चौधरी को मरणोपरांत समाज सेवा के लिए पद्म श्री प्रदान किया गया। शिल्प कला के लिए श्रीनगर के हाजी गुलाम रसूल खान को सम्मानित किया गया।

गुजरात के महेश कुमार कनोडिया और नरेश कनोडिया (मरणोपरांत) को लोक गायन के लिए सम्मानित किया गया। दिल्ली की सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नीरू कुमार महिला सशक्तिकरण और पोलियो से जुड़े अभियानों में भूमिका के लिए सम्मानित किया गया।

डॉ. मंगल सिंह हाजोवरी, मध्य प्रदेश की भूरी देवी, छत्तीसगढ़ के राधेश्याम बार्ले, पश्चिम बंगाल के बीरेन कुमार बसाक, मिजोरम की संगखूमी बुआलछुआकी, डॉ. श्रीकांत माधव दात्तार, गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता शांतिदेवी, परशुराम विश्राम गानगवाने, डॉ. जगदीश चंद्र हलदर, माथा बी. मनजम्मा जोगती, प्रो आर एल कश्यप, विनायक विष्णु खेड़ेकर, छुटनी महतो, रामचंद्र माझी, जैविक खेती के लिए मेघालय के ननंद्रो बी मरक, गुरु रेबेन माशागंवा, प्रो. रत्नलाल मित्तल, श्याम सुंदर पालीवाल, 105 वर्षीय रंगाम्मल को कृषि के लिए पुरस्कृत किया गया।

प्रो. कृष्णन मोहन पाठी, गिरीश यशवंत प्रभुने, नंदा प्रुष्टी, बालन पुठेरी, कनका राजू, डॉ. असावादी प्रकासा राव, दंडमुडी सुमाथी रामा मोहन राव, मेत्य राम रींग, अशोक कुमार साहू, डॉ. सिधुताई साकाल, असम के वरिष्ठ पत्रकार और कामरूप के संपादक डॉ. रोमन शर्मा को पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया।

प्रेमचंद शर्मा, चंद्रशेखर सिहं, डॉ. दिलीप कुमार सिंह, हरियाणा के पारा फ्री स्टाइल पहलवान विरेन्द्र सिंह को कुश्ती के लिए सम्मानित किया गया। के.सी. सिवशंकरन (मरणोपरांत), करतार सिंह सोंखले, मराछी सुब्बुरामन, फादर कार्लोस जी वेल्लास (मरणोपरांत) और प्रो. उषा यादव को पद्म श्री सम्मानित किया गया।

राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आयोजित अलंकरण समारोह में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री। पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए, पद्म भूषण उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए और पद्मश्री किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है।

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