बिहारभारत

सहारा इंडिया में लोगों के फंसे पैसे अब होंगे वापस, हाईकोर्ट के फैसले से बड़ी रहत

हाईकोर्ट में 100 से अधिक मामलों से जुड़ी हस्तक्षेप याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है

Sahara India : सहारा इंडिया (Sahara India) में अगर आपके भी पैसे फंसे हुए हैं तो अब आप को निराश होने की जरूरत नहीं है। जी हां सहारा इंडिया में देश की आम जनता की गाढ़ी कमाई का एक बड़ा हिस्सा फंसा हुआ है।

सहारा इंडिया में गांव-देहात के लोगों का पैसा फंस गया है। वैसे लोग जिनका भी पैसा फंसा हुआ है उस पैसे के वापस लौटने की उम्मीद अब और भी बढ़ गई है।

पटना हाईकोर्ट (Patna Highcourt) ने सहारा इंडिया की विभिन्न योजनाओं में जमा लोगों के पैसों को लौटाने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है।

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यह आदेश पेमेंट को लेकर दायर की गई हस्तक्षेप याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया है।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस संदीप कुमार की एकलपीठ ने सेबी से पूछा कि जितनी भी हस्तक्षेप याचिकाएं दायर की गई हैं, उनमें से कितने पर कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को भेजा गया है तो सेबी ने बताया कि अब तक करीब 430 हस्तक्षेप याचिकाओं कीं जांच हो गई है और शेष की हो रही है। बताते चलें कि झारखंड के तीन लाख लोगों की गाढ़ी कमाई का 2500 करोड़ रुपये फंसे हुए है।

कोर्ट ने सेबी (SEBI) से कहा कि जल्द से जांच पूरी कर संबंधित अधिकारियों के पास मामले को भेज दें ताकि लोगों को पैसा लौटाने की कार्रवाई शुरू की जा सके। हाईकोर्ट में 100 से अधिक मामलों से जुड़ी हस्तक्षेप याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।

इधर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि बिहार (Bihar) एक गरीब राज्य है और यहां के लोगों के मेहनत से कमाए गए पैसों को सहारा ग्रुप की कई योजनाओं में जमा कराया गया है और अब उन्हें इसका भुगतान नहीं किया जा रहा है, यह बहुत गलत है।

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जमा पैसों को लौटाने के लिए Supreme court का कोई आदेश नहीं मिला

हाई कोर्ट में सहारा इंडिया ने बताया की इसकी दो योजनाओं सहारा हाउसिंग और सहारा रियल स्टेट में निवेशकों के जमा पैसों को लौटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) का कोई आदेश नहीं मिला है।

इस पर हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई तक जानकारी प्राप्त कर बताने को कहा है कि दो स्कीमों के अतिरिक्त अन्य स्कीमों का पैसा लौटाने का निर्देश क्यों न जारी कर दिया जाए। हाईकोर्ट को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने जानकारी दी कि निवेशकों का पैसा जमा कराने वाली निधि कंपनियों के खिलाफ 10 मामले दर्ज कर जांच की गई है और आरोप पत्र भी दाखिल हो गए हैं। इसके अलावा 5 लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।

निवेशकों को हाई कोर्ट ने बड़ी दी खुशखबरी

इधर सहारा इंडिया (Sahara India) में जिन निवेशकों ने अपना पैसा निवेश किया है उनके लिए भी अच्छी खबर है। निवेशकों को हाई कोर्ट ने बड़ी खुशखबरी दी है। कोर्ट के निर्देश के बाद अब निवेशकों को यह पैसा वापस मिल सकता है। कोर्ट ने सहारा इंडिया की अलग-अलग स्कीमों में जिन लोगों ने निवेश किया है उन्हें जल्द पैसा लौटाने की प्रक्रिया को शुरू करने का निर्देश दिया है।

किसी भी तरह का पैसा इकट्ठा कराने पर प्रतिबंध

कोर्ट के फैसले के बाद सहकारिता मंत्रालय ने निर्देश जारी करके कहा है कि सहारा इंडिया को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (Sahara India Co-Operative Society Limited), लखनऊ सहारयन यूनिवर्सल मल्टिपर्पस सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल और हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता पर लोगों से किसी भी तरह का पैसा जमा कराने पर रोक लगा दी है।

सहकारिता मंत्रालय ने 22 मार्च के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए इन सभी सोसाइटी से जनता से किसी भी तरह का पैसा इकट्ठा कराने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सहारा समूह ने अक्टूबर 2020 में कहा था कि वह 75 दिनों के भीतर उसकी चार कंपनियों से जुड़े लोगों के पैसे को वापस कर देगी। गौर करने वाली बात है कि 10 लाख से अधिक लोगों ने इन स्कीमों में 3226 करोड़ रुपए जमा किए थे।

सहारा ने तब कहा था कि भुगतान में कुछ देरी हुई है, जो मुख्य रूप से सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले 8 वर्षों से लगाए गए प्रतिबंध के कारण है, जबकि ब्याज राशि सहित उसके लगभग 22,000 करोड़ रुपए सहारा-सेबी खाते में जमा हैं।

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