झारखंड

गोस्सनर कॉलेज में सरहुल की पूर्व संध्या और शहीद दिवस पर हुआ कार्यक्रम

रांची: Gossner College के मास कॉम विभाग (Mass Com Department) के तत्वावधान में सरहुल की पूर्व संध्या और शहीद दिवस (Martyrs Day) पर गुरुवार को प्रोफेसर तेज मुंडू, प्रोफेसर महिमा बिलुंग और प्रोफेसर संतोष की उपस्थिति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रोफेसर तेज मुंडू के छात्रों को Sarhul के महत्व को बताते हुए कहा कि इस त्योहार के माध्यम से आदिवासी (Aboriginal) हमारे जंगल, जनजाति और संस्कृति को बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

Semester-4 की छात्रा रूपाली दास ने सरहुल का महत्व बताते हुए कहा कि सरहुल के पावन त्योहार पर प्रकृति की पूजा की जाती है।

आदिवासियों की परंपरा के अनुसार Sarhul के बाद ही फसल की कटाई की जानी चाहिए।

गोस्सनर कॉलेज में सरहुल की पूर्व संध्या और शहीद दिवस पर हुआ कार्यक्रम Sarhul's Eve and Martyr's Day program at Gossner College

सम्मान में जोश भरे नारे

Semester-5 की छात्रा अनु कुमारी ने सरहुल मनाने का कारण, इसे मनाने के तरीके, की जाने वाली पूजा, पोशाक, खानपान और नृत्य के बारे में बताया।

Semester-5 की छात्रा दीपाली कुमारी में झारखंड के इतिहास को बताया।

कार्यक्रम में बांसुरी की धुन भी सुनाई दी, जिसे Semester-5 के छात्र मनीष ने बजाया और सभी का मन मोह लिया।

कार्यक्रम के अंत में प्रोफेसर महिमा बिलुंग ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का भारत के प्रति देश प्रेम और इसकी आजादी के लिए दी गई उनके बलिदान को याद किया।

इस दौरान विद्यार्थियों ने उनके सम्मान में जोश भरे नारे भी लगाए।

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