भारत

पाकिस्तानी की अखबारों में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बना सुर्खियां

अखबारों ने संसद का सत्र आज से शुरू होने की खबरें भी दी हैं

नई दिल्ली: पाकिस्तान के अधिकांश अखबारों ने शुक्रवार के अंक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को प्रमुखता दी है।

इस फैसले में कहा गया है कि नाराज सदस्यों के वोट डालने के बाद उसकी गिनती न करना तौहीन है। इस तरह के मामले पार्लियामेंट में तय होने चाहिए अदालत में नहीं।

अखबारों ने संसद का सत्र आज से शुरू होने की खबरें भी दी हैं। इनमें कहा गया कि एक सदस्य की मृत्यु हो जाने के कारण आज शोक संवेदना व्यक्त करने के बाद संसद का सत्र कल तक के लिए स्थगित होने की संभावना है।

अखबारों ने पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद का बयान भी छापा है। इसमें कहा गया है कि आम चुनाव समय से पूर्व भी हो सकते हैं।

अखबारों ने चीन के विदेश मंत्री की बिना किसी पूर्व घोषणा के अफगानिस्तान का दौरा किए जाने की भी खबरें दी हैं।

अखबारों ने लिखा है कि ओआईसी सम्मेलन में भाग लेने के बाद चीनी विदेश मंत्री सीधे अफगानिस्तान के दौरे पर चले गए हैं।

अखबारों ने अफगानिस्तान में तालिबान के प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखोंदी को बदले जाने की किसी भी खबर का खंडन किया है।

विपक्षी दलों ने इमरान खान के जरिए अपनी पार्टी के जलसे के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाने की खबरें भी दी हैं।

अखबारों ने पीडीएम के अध्यक्ष मौलाना फजलुर्रहमान का बयान छापा है। इसमें उन्होंने कहा है कि इमरान खान जितनी मर्जी हाथ पांव मार लें, इनके हाथ कुछ नहीं आएगा।

अखबारों ने अफगानिस्तान से आतंकवादियों के पाकिस्तान में घुसने की कोशिश को नाकाम बनाने में चार जवानों के मारे जाने की खबर भी दी है।

अखबारों ने पीटीआई के सीनेटर फैसल जावेद का बयान छापा जिसमें उन्होंने कहा है कुछ नाराज सदस्य वापस आने के लिए संपर्क कर रहे हैं।

अखबारों ने नाटो चीफ का एक बयान छापा है जिसमें उन्होंने रूस को यूक्रेन में परमाणु हमला करने की धमकियों से बाज रहने को कहा है।

उन्होंने कहा है कि इस जंग में किसी की जीत नहीं होती है। यह सभी खबरें रोजनामा दुनिया, रोजनामा खबरें, रोजनामा औसाफ, रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा नवा ए वक्त और रोज़नामा जंग ने अपने पहले पन्ने पर छापी हैं।

हिजाब केस का इम्तहान में बैठने से कोई संबंध नहीं है

रोजनामा खबरें ने एक खबर छापी है। इसमें कहा गया है कि नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पर आरोप लगाया है कि तालिबान लड़कियों को सीखने से रोकने के लिए बहाने ढूंढते रहते हैं।

अखबार ने बताया कि पाकिस्तान से संबंध रखने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र वाली नोबेल पुरस्कार विजेता औरसामाजिक कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने तालिबान पर हमला बोलते हुए कहा है कि लड़कियों की शिक्षा को लेकर के तालिबान की स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है।

उनका कहना है कि तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा के लिए एक बार फिर स्कूल बंद करने की घोषणा की है। उनका आरोप है कि तालिबान अफगानिस्तान में लड़कियों को किसी भी तरह से पढ़ाई करने से रो कने की कोशिश में जुटा हुआ है जो उचित नहीं है।

रोजनामा नवा ए वक्त ने एक खबर छापी जिसमें बताया गया है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब पर पाबंदी लगाने के कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ जल्द सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। अखबार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले को सनसनीखेज ना बनाएं।

हिजाब केस का इम्तहान में बैठने से कोई संबंध नहीं है। अखबार ने बताया है कि कर्नाटक में मुसलमानों के कारोबार पर पाबंदी लगाई जा रही है।

एक मन्दिर के सालाना फेस्टिवल में हमेशा से हिंदू-मुसलमान सभी वहां पर खाने-पीने के स्टाल लगाते थे लेकिन इस बार मुसलमानों को वहां पर स्टाल लगाने से रोक दिया गया है।

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