भारत

टेरर फंडिंग मामले में दो को 12 और दो को 10 साल कैद की सजा

कोर्ट ने मोहम्मद शफी शाह और मुजफ्फर अहमद डार को 12 साल की कैद जबकि तालिब लाली और मुश्ताक अहमद लोन को दस साल की सजा सुनाई है

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के मामले में चार आरोपितों को दोषी करार दिया है।

एडिशनल सेशंस जज प्रवीण सिंह ने दो आरोपितों को 12 साल की जबकि दो आरोपितों को दस साल की कैद की सजा सुनाई है।

कोर्ट ने मोहम्मद शफी शाह और मुजफ्फर अहमद डार को 12 साल की कैद जबकि तालिब लाली और मुश्ताक अहमद लोन को दस साल की सजा सुनाई है। चारों का संबंध हिजबुल मुजाहिद्दीन से है।

9 जुलाई को कोर्ट ने चारों के खिलाफ आरोप तय किए थे। इन पर आरोप था कि इन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से पैसे लिये थे।

कोर्ट ने इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और 212ए और यूएपीए की धारा 17, 20 और 40 के तहत आरोप तय किए थे।

कोर्ट ने पाया था कि इन चारों के हिजबुल कमांडर सैयद सलाहुद्दीन से संबंध थे। इन्होंने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जम्मू-कश्मीर एफैक्टीज रिलीफ ट्रस्ट नाम का संगठन बनाया था।

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