झारखंड

झारखंड में बच्चों के साथ विद्यालय में लंगूर भी पहुंच रहा पढ़ाई करने, देखें Video

हजारीबाग: बच्चों को तो अक्सर विद्यालय (School) में आपने पढ़ते देखा ही होगा, लेकिन कभी जानवर (Animal) को पढ़ाई करते सुना या देखा है। नहीं ना।

लेकिन ऐसा देखने को मिल रहा है झारखंड के हजारीबाग (Hazaribagh) जिले में। यह वाक्या चौपारण प्रखंड का है। जहां एक स्कूल में लंगूर (Langur) भी बच्चों के साथ पढ़ाई करने पहुंच जा रहा है।

यह वाक्या मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर पठार और पहाड़ों (Plateau and Mountains) के बीच अवस्थित उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय (Upgraded Plus Two High School) दनुआ का है।

पिछले सात दिनों से क्लास में पढ़ने के लिए लंगूर पहुंच रहा है और बच्चों के साथ क्लास में बैठकर पढ़ाई भी करता है और फिर वापस चला जाता है।

यह जानकारी प्राचार्य रतन कुमार वर्मा ने दी। उन्होंने कहा कि लंगूर के आने से बच्चे (Chiled) व शिक्षक (Teachers) घबरा जाते हैं। शनिवार को भी आया और फिर नौंवी क्लास में बैठकर क्लास में पढ़ा रहे शिक्षक (Teacher) की बात ध्यान से सुनता रहा।

रविवार को छुट्टी था उसके बाद सोमवार(Monday) को फिर क्लास करने समय से स्कूल पहुंच गया और बारी-बारी से सभी क्लास में गया। मंगलवार को भी वह स्कूल में आया और 9वीं क्लास में बैठा। पिछले 5 दिन से वह सुबह ही स्कूल पहुंच जाता है।

आगे की बेंच पर बैठकर की पूरी क्लास

बताया जा रहा है कि यह वीडियो झारखंड में हजारीबाग (Hazaribagh Jharkhand) जिले के अपग्रेडेड प्लस टू हाई स्कूल दनुआ गांव का है।

स्कूल स्टाफ ने बताया कि एक लंगूर अचानक School में आ गया। पहले दिन उसने 7वीं क्लास में आगे की बेंच पर (Front Bench) बैठकर पूरी क्लास की। वह ध्यान से टीचर की बातें सुनता रहा। उसने किसी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की।

विद्यालय की बढ़ाई गई सुरक्षा

प्राचार्य ने विद्यालय परिवार (School Family) की सुरक्षा के लिए वन विभाग (Forest department) से पकड़ने का गुहार लगाए। गौतम बुद्धा वन्यप्राणी आश्रयणी के वनकर्मी (Forest workers) विद्यालय पहुंचे।

काफी कोशिश किया गया पर लंगूर हाथ नही लगा। लंगूर का हरकत देख एक तरह का अंधविश्वास (Superstition) जन्म ले रहा है। हालांकि लंगूर ने अभी तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। फिर भी एहतियात के तौर पर नजर रखी जा रही है।

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