झारखंड

धनबाद एलेप्पी एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्रियों की बढ़ी परेशानी

धनबाद: धनबाद एलेप्पी एक्सप्रेस (Dhanbad Alleppey Express) में पांच स्लीपर कोच (Sleeper Coach) होने से उन यात्रियों (Passengers) को परेशानी बढ़ गई है।

जो कम किराए में इलाज के लिए काठपाड़ी (Kathpadi) तक ट्रेन से जाया करते थे। अब उन्हें तत्काल में टिकट (Ticket) लेना पड़ रहा है।

वहीं टिकट मिलने में परेशानी हो रही है। पिछले 1 सितंबर से ट्रेन (Train) में आठ स्लीपर कोच की जगह पांच स्लीपर कोच कर दिए गए थे।

जनरल बोगी की संख्या घटाकर दो कर दी गई

वहीं जनरल बोगी (General Bogie) की संख्या घटाकर दो कर दी गई थी। जिस वजह से यात्रियों को बोगी में पैर रखने तक की जगह नहीं मिल पा रहा है।

बताया जा रहा है कि जब से धनबाद एलेप्पी में नई LHB कोच लगी है। उसके बाद से ही ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। जिस पर रेलवे के अधिकारियों का ध्यान नहीं है। न ही इस समस्या को रेलवे पैसेंजर उपभोक्ता समिति की ओर से उठाया जा रहा है।

जिसका खामियाजा आम लोग उठा रहे हैं। यह एक मात्र ऐसी ट्रेन है, जो बोकारो (Bokaro) होकर हर दिन गुजरती है। जिसमें बीमार आदमी इलाज के लिए सफर करते है, तो मजदूरी की तलाश में काफी लोग जनरल बोगी में सफर करते हुए दक्षिण भारत के अलग-अलग शहरों में जाते है।

यात्री बोगी के फर्श और शौचालय के पास बैठकर सफर करते थे

ट्रेन में बोकारो से मूरी (Muri), रांची (Ranchi), हटिया (Hatia) तक लोकल दूरी तय करने वाले यात्रियों को बोगी में पैर रखने तक की जगह नहीं मिल पाती थी।

यात्री बोगी के फर्श और शौचालय (Toilet) के पास बैठकर सफर करते थे।

जबकि जनरल बोगी की संख्या में पूर्व में चार थी, उन चार बोगी में हालत कुछ ऐसी ही रहती थी।

वहीं जब जनरल बोगी दो है, तो सहज की अंदाजा लगा सकते है कि यात्री किस तरह जनरल क्लास में सफर कर रहे होंगे।

लाचार होकर एसी कोच की टिकट खरीदकर यात्रा कर रहे है यात्री

ट्रेन में लगे आठ स्लीपर कोच को घटाते हुए पांच कर दी है। जबकि एसी थ्री के पांच कोच की जगह छह, एसी टू की दो कोच की जगह चार और अलग से नया एसी फस्ट की एक कोच लगा दी है।

वहीं जनरल बोगी की चार कोच की जगह अब मात्र दो कोच ही लगाया गया है। इससे जहां बोकारो से चेन्नई (Chennai), वेल्लोर (Vellore) जाने वाले स्लीपर क्लास के यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है।

वहीं एसी कोच की संख्या के बढ़ने से रेलवे की कमाई बढ़ गई है।

स्लीपर क्लास में टिकट नहीं मिलने के कारण लोगों को अब लाचार होकर एसी कोच की टिकट खरीदकर यात्रा कर रहे है।

जिसके एवज में उन्हें डेढ़ गुणा अधिक किराया भुगतान करना पड़ रहा है।

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