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5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर पर हाई कोर्ट ने की सुनवाई,सरकार की ओर से…

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Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में गुरुवार को राज्य में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर को लेकर कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने पर सुनवाई हुई।

कोर्ट में राज्य सरकार ने बताया कि शपथ पत्र तैयार है लेकिन दायर नहीं किया जा सका है।

सरकार ने मौखिक रूप से झारखंड में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं Community Health Center का आंकड़ा प्रस्तुत किया। साथ ही कोर्ट को अधिकांश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में सांप काटने की दवा उपलब्धता शून्य बताई।

सुनवाई के दौरान कोर्ट को मौखिक रूप से बताया गया कि देश में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर की तुलना में झारखंड में बच्चों की मृत्यु दर करीब दो प्रतिशत कम है।

इस पर कोर्ट ने कहा कि झारखंड में बच्चों की मृत्यु दर में देश की तुलना में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। झारखंड सरकार को बच्चों की मृत्यु दर का यह आंकड़ा शून्य पर लाने का प्रयास करना होगा।

सरकार के आंकड़ों पर असंतुष्टि जताते हुए कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में राज्य सरकार का अगर सटीक शपथ पत्र नहीं आता है तो स्वास्थ्य सचिव को कोर्ट में हाजिर होना होगा।

कोर्ट ने अगली सुनवाई 6 मई को राज्य सरकार को शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं Community Health Center में कितने विशेषज्ञ चिकित्सक हैं, इसकी भी जानकारी दें।

दरअसल, पिछले सुनवाई में कोर्ट ने सरकार को शपथ पत्र दाखिल कर यह बताने को कहा था कि झारखंड में कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर हैं। यहां कितने पद स्वीकृत है और कितने पद अभी खाली पड़े हैं।

इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पर दवाओं की क्या व्यवस्था है, इनके भवन कितने साल पुराने और भवन अभी किस स्थिति में है।

इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा था कि झारखंड के सुदूर ग्रामीण इलाकों में सांप के काटने से होने वाली मौत को रोकने के लिए प्राइमरी हेल्थ सेंटर, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में सांप काटने की दवा की क्या व्यवस्था है।

रांची से प्रकाशित एक दैनिक अखबार में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर को लेकर प्रकाशित खबर के आधार पर हाई कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया था।

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