भारत

ब्रिटेन के नए टीकाकरण नियमों को शशि थरूर और रमेश ने बताया ‘भेदभाव पूर्ण’

नई दिल्ली: ब्रिटेन यात्रा संबंधित नए दिशा-निर्देशों के बाद देश में नाराजगी का माहौल है जिसे कांग्रेस नेता शशि थरूर और जयराम रमेश जैसे नेताओं ने जाहिर किया है।

नए दिशा-निर्देशों के तहत भारत में वैक्सीन की दो खुराक लेने के बावजूद भी यहां से जाने वाले लोगों को वहां से स्वीकार्यता नहीं मिलेगी और उन्हें 10 दिन के बाध्यकारी पृथकवास में रहना होगा। नए नियम 4 अक्टूबर को लागू होंगे।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि ब्रिटेन सरकार की ओर से शुक्रवार को घोषित नए नियमों के कारण उन्होंने अपने कई कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।

उन्होंने कहा कि टीके लगाए भारतीयों को पृथकवास के लिए कहना आपत्तिजनक है।

थरूर ने कहा कि इस वजह से उन्होंने कैम्ब्रिज यूनियन की चर्चा और अपनी पुस्तक ‘द बैटल ऑफ बिलॉन्गिंग’ के यूके संस्करण के लॉन्च इवेंट से खुद को अलग कर लिया है।

दूसरी ओर जयराम रमेश ने इसे ‘भेदभाव’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि कोविशील्ड को मूल रूप से ब्रिटेन में विकसित किया गया था और सीरम इंस्टीट्यूट (पुणे) ने वहां इसकी आपूर्ति की है।

यह देखते हुए भारतीयों को अलग करना बिल्कुल विचित्र लगता है और इसमें नस्लवाद की बू आती है।

भारत इस मुद्दे पर काफी समय से ब्रिटेन के साथ राजनयिक और मंत्रिस्तरीय वार्ता के जरिए प्रयासरत रहा है।

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन ने शुक्रवार को यात्रा नियमों में बदलाव किया है। बदले गए नियमों के तहत, केवल उन भारतीयों पर विचार किया जाएगा जिन्हें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका, फाइजर या मॉडर्न के दो शॉट या जेनसेन वैक्सीन का एक शॉट लगा हो।

वह भी ‘ब्रिटेन, यूरोप, अमेरिका के अनुमोदित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत प्राप्त हुआ हो।

इसका अर्थ यह है कि कोविशील्ड या कहें कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के भारतीय संस्करण की दो खुराक लेने वालों को भी ’वैक्सीनेटिड’ (वैक्सीन लगा चुके) नहीं माना जाएगा।

ऐसे लोगों को ब्रिटेन जाने के बाद 10 दिन पृथकवास में बिताने होंगे। कोविशील्ड को अस्वीकार करना बहुत सारे भारतीयों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker