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Rajasthan Politics : कांग्रेस पर्यवेक्षक सोनिया गांधी को सौंपेंगे रिपोर्ट, दिल्ली में तेज हुआ मुलाकातों का दौर

जयपुर: राजस्थान (Rajasthan Politics) कांग्रेस में करीब सवा दो साल बाद दोबारा बगावती तेवर देखने को मिल रहे हैं। इसके चलते Congressमें अध्यक्ष और राजस्थान के लिए नये मुख्यमंत्री का चयन उलझ गया है।

सचिन पायलट (Sachin Pilot) को मुख्यमंत्री बनाने की संभावनाओं को देखते हुए गहलोत समर्थक विधायकों ने कांग्रेस हाईकमान (Congress High Command) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इधर, Sachin Pilot खेमे ने पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है।

राजस्थान में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच राष्ट्रीय संगठन मंत्री KC Venugopal दिल्ली पहुंच चुके हैं। वह इससे पहले राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा पर थे।

माना जा रहा है कि वेणुगोपाल की पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से दिल्ली में मुलाकात होगी। सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद पर्यवेक्षक के तौर पर राजस्थान भेजे गए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन भी दिल्ली पहुंचे गए हैं। सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी के आवास पर बड़ी बैठक चल रही है।

कांग्रेस के इतिहास में सशर्त रेजोल्यूशन आज तक पास नहीं हुआ है : अजय माकन

गहलोत समर्थक विधायक अब अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नामांकन करने के भी पक्ष में नहीं हैं। शांति धारीवाल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी (Dr. CP Joshi) के घर बैठकों में विधायकों ने गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाए रखने की पैरवी की।

इससे पहले रविवार रात को गहलोत गुट ने कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) चुने जाने तक यानी 19 अक्टूबर तक किसी भी मीटिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया।

गहलोत समर्थक विधायकों ने आलाकमान (High Command) के सामने तीन शर्तें रखीं। इनके अनुसार सरकार बचाने वाले विधायकों में से ही मुख्यमंत्री बने, कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद ही नया Chief Minister घोषित हो और नया मुख्यमंत्री गहलोत की पसंद का ही हो।

गहलोत गुट के विधायकों के रवैये पर प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) ने नाराजगी जाहिर की है। माकन ने कहा कि विधायक दल की बैठक में विधायकों का नहीं आना अनुशासन हीनता है।

इस बैठक के दौरान उन्होंने खुद बैठक बुला ली। ये भी अनुशासनहीनता (Indiscipline) है और हम देखते हैं कि क्या एक्शन लिया जा सकता है।

हम एक-एक विधायक से मिलकर उनकी राय जानना चाहते थे लेकिन वे सामूहिक रूप से मिलने पर अड़े रहे।

विधायक अपनी बात को रेजोल्यूशन (Resolution) में शामिल करने की मांग कर रहे थे जबकि रेजोल्यूशन एक लाइन का होता है। कांग्रेस के इतिहास में सशर्त रेजोल्यूशन (Conditional Resolution) आज तक पास नहीं हुआ है।

खड़गे ने कहा…

इधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार को अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे (Ajay Maken and Mallikarjun Kharge) से मिलने होटल मैरियट पहुंचे।

मुख्यमंत्री से मिलने के बाद खड़गे ने कहा, “हमारी शिष्टाचार मुलाकात थी। कल जो हुआ, उससे हमने कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) को अवगत करा दिया है। जो भी निर्णय लिया जाता है, उसका सभी को पालन करना होता है। पार्टी में अनुशासन होना चाहिए।”

कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) ने कहा, “मैं किसी व्यक्ति या गुट की पूजा नहीं करती हूं, मैं बस कांग्रेस की पूजा करती हूं।” मैं कभी किसी व्यक्ति विशेष के गुट में नहीं रही, ना ही रहूंगी। कांग्रेस की अधिकृत मीटिंग (Authorized Meeting) में नहीं आना अनुशासनहीनता है।

मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi) ने कहा, “हम चाहते हैं कांग्रेस ना टूटे, विधायकों ने अपना पक्ष पर्यवेक्षकों को बताया, पार्टी आलाकमान पर हमें पूरा भरोसा है, हमें अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए। हम आलाकमान (High Command) का पूरा सम्मान करते हैं।”

कोई इस्तीफे नहीं हुए हैं

पायलट को लेकर उपजे असंतोष के बीच UDH मंत्री शांति धारीवाल ने सचिन पायलट का नाम लिये बिना कहा, “जिस प्रकार से प्रस्ताव पास करवाया जा रहा था, जो तरीका अपनाया जा रहा, उससे साफ लग रहा था कि उन लोगों को कुर्सी पर बैठाया जाएगा, जिन लोगों ने Congress के साथ गद्दारी की।”

BSP से कांग्रेस में शामिल हुए मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) ने कहा कि इस्तीफे की नौटंकी गलत है। कोई इस्तीफे नहीं हुए हैं। इस्तीफे मंजूर कर लो तो पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सब अनुशासनहीनता (Indiscipline) में आता है।

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