झारखंड

अगले साल तक झारखंड में भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए बनाएं जाएंगे 178 रिचार्जपिट, लगातार गिरता जा रहा है भूजल स्तर

भूगर्भ जल के पुनर्भरण के लिए अधिकाधिक रिचार्ज पिट बनाने पर जोर बता दें कि सोक पिट को भूगर्भ जल से जोड़ने के लिए अलग से बोरिंग नहीं किया जाता

कौशिक चौधरी, रांची: जिस तरह से पूरे देश में पानी (Water) का संकट गहराता जा रहा है, उसे लेकर हर कोई चिंतित है।

हर जगह ग्राउंड वाटर लेवल तक सरकारें जांच करने में भी जुट गई हैं। इसी के मद्देनजर झारखंड सरकार ने 2023 तक राज्य में 178 रिचार्ज पिट बनाने की तैयारी में है।

साथ ही राज्य में अलग-अलग इलाकों में वाटर लेवल नापने के लिए 102 पाइजोमीटर लगवाए हैं। इसमें डीडब्ल्यूएलआर लगाने पर ग्राउंड वाटर लेवल का आरटीडी नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के डाटा सेंटर पर प्रत्येक दिन रिकॉर्ड किया जाएगा।

जितनी भी पाइजोमीटर लग रहे हैं, उनमें से 44 में डिजिटल वाटर लेबल रिकॉर्डर लगवाया जा चुका है।

कानून नहीं होने के चलते आ रही समस्या

बता दें कि 2008-22 के तक प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में भूगर्भ जल का स्तर काफी नीचे चला गया है।

रांची शहरी क्षेत्र में पिछले 14 साल की तुलना में इस साल काफी अंतर पाया गया है। राज्य में ग्राउंड वॉटर रेगुलेशन एक्ट नहीं होने के कारण डीप बोरिंग की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

भूगर्भ जल के पुनर्भरण के लिए अधिकाधिक रिचार्ज पिट बनाने पर जोर

बता दें कि सोक पिट को भूगर्भ जल से जोड़ने के लिए अलग से बोरिंग नहीं किया जाता। लेकिन रिचार्ज पिट में बारिश के पानी को छानकर भूगर्भ जल के लेबल तक के लिए 6 इंच चौड़ाई और 50 मीटर गहराई का बोरिंग रिचार्ज पिट मे किया जाता है, रिचार्ज पिट बरसात के पानी को भूगर्भ जल के लेबल तक पहुंचाने का एक तरीका है।

बढ़ती जनसंख्या के साथ जल संरक्षण के लिए पूरे राज्य में सोक पिट के बजाय रिचार्ज पिट बनवाना जरूरी है।

बता दें कि पानी अत्यधिक दोहन होन के चलते भविष्य में जल संकट की आशंका को लेकर हर सरकारें चिंतित हैं।

हालांकि इसके प्रति हर इंसान को सोचने की जरूरत है। जिस तरह से पानी कम हो रहा है और जनसंख्या बढ़ती जा रही है, उसके मद्देनजर भविष्य में हर व्यक्ति तक पानी पहुंचा पाना काफी मुश्किल हो जाएगा।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker