क्राइमझारखंड

देवघर से साइबर अपराध का खात्मा ही मेरा लक्ष्य: SP

देवघर: साइबर अपराध की यूनिवर्सिटी बने देवघर जिले में पुलिस की कार्रवाई से जहां हड़कम्प मचा है वहीं, एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा के निर्देश पर ताबड़तोड़ छापेमारी ने इनकी कमर तोड़ दी है।

साइबर अपराध के लिए कुख्यात देवघर जिले में लगातार छापेमारी में विगत 9 महीने में ही 579 साइबर आरोपी गिरफ्तार हुए हैं वहीं, इन सभी गिरफ्तार आरोपियों के पास से 70 मोटर साइकिल ,27 लक्जरी कारें सहित 28 लाख नकद रुपये भी बरामद हुए हैं।

पुलिस कप्तान अश्विनी कुमार सिन्हा ने बताया है कि वर्ष 2020 के सितंबर माह से लेकर 28 मई, 2021 तक साइबर थाने में कुल 82 मामले दर्ज हुए हैं, जिसके विरुद्ध की गई कार्रवाई में उपरोक्त संख्या में साइबर आरोपी गिरफ्तार हुए हैं।

एसपी ने बताया है कि इन गिरफ्तार साइबर आरोपियों के पास से 1027 मोबाइल फोन, 1577 सिम कार्ड, 467 एटीएम, 94 पासबुक,77 चेकबुक, 23 लैपटॉप,6 स्वाइप मशीन,3 माइक्रो पीओएस मशीन, 4 राउटर भी बरामद हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि झारखण्ड के जामताड़ा के बाद देवघर जिला में इन साइबर अपराधियों के लिए आधुनिक तौर-तरीकों के साथ साइबर ठगी की ट्रेनिंग दी जाती है, जिस कारण इस धंधे में रोज नए-नए लड़के -लड़कियाँ शामिल होते जा रही है।

साइबर अपराध में ट्रेनिंग देने वाले को लगभग गुरु का दर्जा प्राप्त है और नया ट्रेनिंग पाकर अपराध करने वाले उन्हें एक निश्चित रकम बतौर चढ़ावा देते हैं।

कभी बैंक अधिकारी तो कभी गूगल पे, पे फोन जैसे एप्प के माध्यम करने वाले इन शातिरों की कारगुजारियां इस तरह होती है कि बड़े से बड़े तकनीकी एक्सपर्ट भी चकमा खा जाते हैं।

एटीएम के पासवर्ड को डिकोड करना तो इन शातिर अपराधियों के लिए मामूली बात है।

थोड़ी सी जोखिम और लाखों की कमाई को देखकर जिले भर में साइबर अपराधियों की संख्या में बेतरतीब बढ़ोतरी हुई है।आलम यह कि जिले के सारठ, सारवां, मोहनपुर, सोनाराय ठाड़ी, पालोजोरी, मधुपुर, देवीपुर प्रखंडों में इन साईबर अपराधियों का साम्राज्य चलता है।

देश का कोई ऐसा राज्य नहीं जहाँ देवघर के इन शातिर अपराधियों ने नाकों-दम ना कर रखा हो।

आये दिन विभिन्न राज्योँ की पुलिस देवघर पुलिस के सहयोग से इन शातिर साइबर आरोपियों को पकड़ कर ले जाती है किंतु थोड़े ही दिन बाद पुनः छूटकर अपने गाँव पहुंचते हैं और इत्मिनान से साइबर अपराध के धंधे में लिप्त हो जाते हैं।

मजेदार बात यह है कि कल तक दिहाड़ी पर काम करने वाले लोग इस धंधे में आते ही शानो-शौकत वाली जिंदगी जीते हैं।

महंगी एसयूवी कारों में घूमते हैं ।गाँवों में पूर्ण आधुनिक करोड़ों के घर बन चुके हैं, जिसे देख-देख कर अब तो पढ़े-लिखे ग्रामीण युवा भी इस धंधे की ओर मुखातिब हो रहे हैं।

पुलिस अधीक्षक अश्विनी कुमार सिन्हा ने साइबर अपराध की अंतर्दशा को समझा और इन अपराधियों के पीछे पड़े, जिसका नतीजा है कि कल तक बेख़ौफ़ साइबर अपराध को अंजाम देने वाले शातिर ठगों के विरुद्ध न केवल छापेमारी हो रही है बल्कि बड़ी संख्या में गिरफ्तारियाँ भी हो रही है। इसके बावजूद रक्तबीज की तरह इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है।

पुलिस कप्तान अश्विनी कुमार सिन्हा कहते हैं कि पावन तीर्थ नगरी बैद्यनाथ धाम की छवि इन शातिर ठगों के कारण खराब हो रही है।

इसलिए वे कृतसंकल्पित हैं कि देवघर से साइबर अपराधियों का नामो-निशान मिटा देंगे किन्तु साइबर ठगों के मास्टर ठगों को जब तक खत्म नहीं किया जाता नित्य नए नए लोग इस अपराध में जुटते रहेंगे।

इसलिये आवयश्कता इस बात की है कि इनके मास्टर ट्रेनरों को गिरफ्तार करें ताकि साइबर अपराध की इस यूनिवर्सिटी में नए शिक्षार्थी एडमिशन ही ना ले पायें।

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