झारखंड हाई कोर्ट में निकाय चुनाव मामले में हुई सुनवाई, फैसला सुरक्षित

झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में राज्य में निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार की अपील पर बुधवार को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो गई, जिसके बाद कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया।

Digital Desk

Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में राज्य में निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार की अपील पर बुधवार को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो गई, जिसके बाद कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया।

मामले की सुनवाई बुधवार काे एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने Supreme Court के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि ट्रिपल टेस्ट करने के बाद ही राज्य में निकायों का चुनाव करना है। राज्य के जिलों में ओबीसी की आबादी का आकलन की प्रक्रिया जारी है। पिछड़ा आयोग द्वारा ओबीसी की आबादी का आकलन किया जा रहा है। वहीं, प्रतिवादी पूर्व पार्षद रोशनी खलखो की ओर से अधिवक्ता ने विनोद सिंह ने बताया कि सरकार राज के निकाय चुनाव को टाल रही है। सरकार ने चुनाव करना नहीं चाहती है। एकल पीठ ने भी चुनाव के संबंध में उनके पक्ष में फैसला दिया है।

तीन सप्ताह में राज्य में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने के चार जनवरी के हाई कोर्ट के एकल पीठ के आदेश को रद्द करने को लेकर राज्य सरकार की ओर से अपील (LPA) दायर की गई है। खंडपीठ ने पूर्व में मामले में हाई कोर्ट की एकल पीठ के द्वारा पारित आदेश पर रोक लगाने से किया इनकार किया था।

अपील (LPA) में राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि पिछड़ा आयोग को ही डेडीकेटेड कमीशन के रूप में नियुक्त कर दिया गया है। यह राज्य के जिलों में ओबीसी की आबादी का आकलन करेगी। इस संबंध में डाटा राज्य सरकार को उपलब्ध कराएगी। इसके आधार पर निकाय चुनाव में वार्डों में ओबीसी के लिए आरक्षण दिया जायेगा। इसलिए निकाय चुनाव पूरा करने के लिए समय दिया जाए।

राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश पर तत्काल रोक लगाने एवं एकल पीठ के आदेश को रद्द करने का आग्रह हाई कोर्ट से किया है। अपील में राज्य सरकार ने झारखंड म्युनिसिपल एक्ट के प्रोविजन का हवाला देते हुए नगर निगम में प्रशासक की नियुक्ति को सही ठहराया है।

राज्य में नगर निकायों का चुनाव जल्द कराने को लेकर पूर्व पार्षद रोशनी खलखो सहित अन्य की याचिका को हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। Court ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि तीन सप्ताह में झारखंड में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करें।

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