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विनय चौबे पर आय से अधिक संपत्ति का केस, ACB को जांच की अनुमति

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Liquor Scam: झारखंड के शराब घोटाले में गिरफ्तार निलंबित IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को राज्य सरकार से विनय चौबे के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करने की अनुमति मिल गई है।

ACB ने चौबे और उनके करीबी रिश्तेदारों की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है, जिसमें शेल कंपनियों में निवेश के सबूत भी सामने आए हैं।

21 मई को हुई थी गिरफ्तारी

ACB ने 21 मई 2025 को विनय चौबे और तत्कालीन संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को 38 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में गिरफ्तार किया था।

दोनों पर पद का दुरुपयोग कर प्लेसमेंट एजेंसियों को अनुचित लाभ पहुंचाने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

छत्तीसगढ़ मॉडल पर बनी थी नीति

2022 में झारखंड में लागू नई शराब नीति, जो छत्तीसगढ़ मॉडल पर आधारित थी, में अनियमितताओं के चलते यह घोटाला सामने आया। जांच में पाया गया कि छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट ने थोक शराब बिक्री पर कब्जा किया और अधिकारियों को मोटी कमीशन दी गई।

इस नीति के तहत सात प्लेसमेंट एजेंसियों को फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर लाभ पहुंचाया गया, जिससे सरकार को 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

संपत्ति जांच में नए खुलासे

ACB ने विनय चौबे, उनकी पत्नी डॉ. मोना चौबे, साले क्षिपिज त्रिवेदी, करीबी मित्र व नेक्सजेन के संचालक विनय कुमार सिंह, और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स धनंजय कुमार व उपेंद्र शर्मा की संपत्तियों की जांच शुरू की है।

शेल कंपनियों में निवेश और बैंक खातों के लेनदेन की पड़ताल की जा रही है। यदि आय से अधिक संपत्ति पाई गई, तो एसीबी इस मामले में अलग से प्राथमिकी दर्ज करेगी।

कोर्ट ने बढ़ाई हिरासत

3 जून 2025 को ACB कोर्ट ने विनय चौबे सहित पांच आरोपियों की न्यायिक हिरासत 9 जून तक बढ़ा दी। कोर्ट ने चौबे के वकील की रिम्स में उनसे मिलने की याचिका को भी मंजूरी दी।

विपक्ष का हमला

बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों ने इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है, आरोप लगाते हुए कि सत्ता के शीर्ष लोग भी इस घोटाले में शामिल हो सकते हैं।

आगे की जांच

ACB ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए उत्पाद विभाग के वर्तमान सचिव मनोज कुमार, पूर्व आयुक्त अमित प्रकाश सहित 15 अन्य लोगों को समन जारी किया है। शराब कारोबारी उमाशंकर सिंह और अन्य कंपनियों के निदेशकों से भी पूछताछ की जाएगी।

यह मामला अब CBI और ED की जांच के दायरे में भी है, जिससे और बड़े खुलासों की संभावना जताई जा रही है।

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