झारखंड

प्रोटोकॉल की अनदेखी कर नगर विकास विभाग के सचिव ने मेयर पद की गरिमा व मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने का किया काम

रांची: जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम में रांची शहर अंतर्गत विकास योजनाओं के शिलान्यास को लेकर शुक्रवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

मुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री हेमंत सोरेन ने इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया। लेकिन इस कार्यक्रम में आमंत्रित किए गए अतिथियों की सूची में प्रोटोकॉल की अनदेखी किए जाने पर मेयर आशा लकड़ा ने आपत्ति जताई है।

आमंत्रण सूची में अंतिम नाम मेयर आशा लकड़ा का था। मेयर ने कहा कि इस कार्यक्रम के निवेदक नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे थे।

उन्होंने प्रोटोकॉल की अनदेखी कर अतिथियों की वरीयता सूची तैयार की। आमंत्रण सूची में प्रोटोकॉल की अनदेखी कर नगर विकास विभाग के सचिव ने मेयर पद की गरिमा एवं मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने का काम किया है।

संवैधानिक अधिकार के तहत मेयर को शहर के प्रथम नागरिक का दर्जा दिया गया है।

उन्होंने राज्य सरकार से सवाल करते हुए कहा कि यदि वर्तमान में सत्ताधारी दल की मेयर होती तो नगर विकास के सचिव इसी प्रकार प्रोटोकॉल की अनदेखी करते। क्या सत्ताधारी दल को इस पर आपत्ति नहीं होती।

उन्होंने कहा कि विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे पूर्व में रांची नगर निगम के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी भी रह चुके हैं।

इस लिहाज से उन्हें भलीभांति यह जानकारी है कि संवैधानिक रूप से मेयर पद की गरिमा क्या है।

फिर भी उन्होंने जान-बूझकर आमंत्रण सूची में वरीयता के आधार पर मेयर को अंतिम पायदान पर रखा।

कहीं न कहीं उन्होंने राजनैतिक द्वेष की भावना से उत्प्रेरित होकर प्रोटोकॉल की अनदेखी कर इस प्रकार का काम किया है।

मेयर ने कहा कि हेमंत सोरेन एवं विभागीय सचिव के पास शहर के विकास को लेकर कोई नई योजना नहीं है।

रघुवर सरकार के कार्यकाल में शहर के विकास को लेकर जिन योजनाओं को मूर्त रूप देने की तैयारी की जा रही थी।

आज उन्हीं योजनाओं को झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार धरातल पर उतारकर अपनी वाहवाही बटोर रही है।

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