New Delhi: हिसार की मशहूर YouTuber ज्योति मल्होत्रा की न्यायिक हिरासत को स्थानीय अदालत ने 14 दिन और बढ़ा दिया है। 33 वर्षीय ज्योति, जो ‘Travel with JO’ यूट्यूब चैनल चलाती हैं, को 16 मई 2025 को न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन इलाके से जासूसी के संदेह में गिरफ्तार किया गया था।
उनके खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत मामला दर्ज है। अदालत ने उनकी जमानत याचिका पहले ही खारिज कर दी थी, और अब अगली सुनवाई 7 जुलाई 2025 को होगी।
पुलिस हिरासत से न्यायिक हिरासत तक
ज्योति को गिरफ्तारी के बाद 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था, जिसे बाद में 4 दिन और बढ़ाया गया। 26 मई को हिसार की अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा, जिसे 9 जून और फिर 23 जून को दोबारा बढ़ाया गया। ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने बताया कि उनकी क्लाइंट को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिसार के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (फर्स्ट क्लास) सुनील कुमार की अदालत में पेश किया गया।
पाकिस्तानी एजेंटों के साथ संपर्क का आरोप
हिसार पुलिस के मुताबिक, ज्योति नवंबर 2023 से पाकिस्तानी हाई कमीशन के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थीं, जिसे भारत ने 13 मई 2025 को जासूसी के आरोप में निष्कासित कर दिया था।
पुलिस का दावा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ज्योति को एक ‘संपत्ति’ (asset) के रूप में विकसित कर रही थी। हालांकि, अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है कि ज्योति के पास सैन्य या रक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी थी।
12 TB डेटा और फॉरेंसिक जांच
पुलिस ने ज्योति के तीन मोबाइल फोन और एक लैपटॉप से करीब 10-12 टेराबाइट डेटा बरामद किया है, जिसमें चार पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के साथ चैट और संदिग्ध मनी ट्रेल्स शामिल हैं। फॉरेंसिक जांच में पता चला कि ज्योति को पाकिस्तान में VIP ट्रीटमेंट और सशस्त्र गार्ड्स के साथ विशेष सुरक्षा दी गई थी। उनके चार बैंक खातों की भी जांच की जा रही है।
पहलगाम हमले से कनेक्शन?
ज्योति की गिरफ्तारी 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद शुरू हुई जांच का हिस्सा है। पुलिस को शक है कि ज्योति ने भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव के दौरान दानिश के साथ संवेदनशील जानकारी साझा की। उनकी पाकिस्तान यात्राओं (2023, 2024 और मार्च 2025) और कश्मीर दौरे की भी जांच हो रही है।
वकील का दावा, FIR गैरकानूनी
ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने दावा किया कि पुलिस उनके खिलाफ ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई है और FIR गैरकानूनी है। उन्होंने कहा, “पुलिस ने अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं दिया। चार्जशीट में सब कुछ साफ हो जाएगा।” दूसरी ओर, हिसार पुलिस का कहना है कि वे चार्जशीट में सभी तथ्य सामने लाएंगे।