झारखंड

ग्रामीण विकास विभाग योजनाओं का लाभ गांव-गांव, घर-घर तक पहुंचाने का कर रहा काम: आलमगीर आलम

ग्रामीण लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने की सोच से काम कर रही राज्य सरकार

रांची: ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि विभाग के कार्यों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सकारात्मक सुधार लाना है। हमारी सरकार इसी सोच के साथ आगे बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य के गांव, गरीब, किसान, नौजवान सभी वर्गों और धर्मों के लोगों को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण विकास विभाग विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ गांव-गांव, घर-घर तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है।

उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों के बीच रोजगार सृजन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीणों के जीवन में आर्थिक तथा सामाजिक परिवर्तन के लिए हम प्रतिबद्धता के साथ जुटे हैं।

आलम बुधवार को झारखंड मंत्रालय के सभागार में आयोजित ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के कालखंड में विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से लोगों को जोड़ा जा रहा है।

मनरेगा की योजनाओं में लोगों की बढ़ी भागीदारी हमें काम करने के प्रति और ऊर्जावान बना रही है।

वर्तमान सरकार के गठन के शुरुआती दिनों से ही राज्य के सर्वांगीण विकास की कड़ी में कृषि, किसान, लघु एवं कुटीर उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित मनरेगा योजना में सकारात्मक सोच के साथ विशेष बल दिया जा रहा है।

आलमगीर ने कहा कि राज्य के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में त्वरित विकास तभी संभव है, जब सरकारी प्रयासों के साथ पर्याप्त रूप से जमीनी स्तर पर लोगों की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भागीदारी सुनिश्चित होगी।

लोगों की सोच में बदलाव लाकर उनकी भूमिका और दायित्व सुनिश्चित करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। ग्रामीणों की आस मनरेगा से विकास कार्यक्रम 22 सितंबर से 15 दिसंबर 2021 तक चलेगा।

15 दिसंबर के बाद कार्यक्रम के उद्देश्यों की प्राप्ति को लेकर आकलन किया जाएगा, फिर आगे की तैयारी की जाएगी। हमारी सरकार से लोगों की काफी अपेक्षाएं हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में भी ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारी, सभी जिलों के डीडीसी तथा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों, जेएसएलपीएस से जुड़ी महिला स्वयं सहायता समूहों की दीदियों द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए जॉब कार्ड निर्गत कर उन्हें रोजगार से जोड़ने का अच्छा किया है।

नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना एवं बागवानी योजना के संरक्षण तथा रखवाली के लिए हमारी सरकार ने नीतियों में बदलाव किया तथा इसे मजबूत बनाया।

मनरेगा योजना के 14 साल बीतने के बाद भी सभी खेतों में कुआं नहीं दिखाई दे रहा है। बकरी शेडों की हालत खराब है।

उन्होंने सभी अधिकारियों से निवेदन किया कि सभी योजनाओं को शत प्रतिशत धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी लें। उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारियों से कहा कि मनरेगा की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का दायित्व सबसे ज्यादा आप पर है।

इसी कड़ी में आज मनरेगा अंतर्गत चलने वाले “ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास” अभियान का शुभारंभ हो रहा है।

यह अभियान 22 सितंबर से 15 दिसंबर 2021 तक राज्य के चिन्हित 150 प्रखंडों में चलाया जाएगा।

इस अभियान को आवश्यकतानुसार जिलास्तरीय समिति द्वारा राज्य के अन्य प्रखंडों में भी विस्तारित किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास अभियान का मुख्य उद्देश्य नियमित रोजगार दिवस का आयोजन, नियमित ग्राम सभा का आयोजन, इच्छुक सभी परिवारों को ससमय रोजगार उपलब्ध कराना, महिला एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कोटि के श्रमिकों की भागीदारी में वृद्धि करना आदि करना है।

इस मौके पर मनीष रंजन, मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने कोविड-19 के समय मनरेगा योजनाओं के संचालन में अच्छे कार्य करने वाले उप विकास आयुक्त एवं प्रखंड विकास पदाधिकारियों को सम्मानित किया।

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