बिहार

केंद्रीय मंत्री प्रधान और नीतीश की दूसरी मुलाकात के निकाले जाने लगे निहितार्थ

इस बीच, भले ही प्रधान ने भाजपा और जदयू के रिश्ते में आई कड़वाहट को दूर करने के लेकर कहा कि दलों के रिश्ते में कोई गतिरोध नहीं है

पटना: बिहार में सत्ताधारी गठबंधन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (युनाइटेड) के रिश्ते में खंटास के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान के पटना पहुंचने और मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मुलाकात को लेकर कई तरह की चर्चा होने लगी है।

लोग इन दोनों नेताओं के मुलाकात को लेकर निहितार्थ भी निकाल रहे हैं। हालांकि इस मामले को लेकर दोनों दलों के नेता खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं।

इस बीच, भले ही प्रधान ने भाजपा और जदयू (BJP and JDU) के रिश्ते में आई कड़वाहट को दूर करने के लेकर कहा कि दलों के रिश्ते में कोई गतिरोध नहीं है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल प्रधान की पटना यात्रा को लेकर उठाए जा रहे हैं।

प्रधान की डेढ़ महीने में दूसरी पटना यात्रा को राष्ट्रपति चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन सवाल उठाया जा रहा है कि चुनाव में जब जदयू ने द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को समर्थन देने की घोषणा कर ही दी है तो फिर प्रधान को दूसरी बार पटना आने की क्या जरूरत पड़ी।

ऐसे में प्रधान के दौरे को जदयू-भाजपा के बीच आई खटास को दूर कर मिठास घोलने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

भाजपा और जदयू के बीच कोई गतिरोध नहीं : प्रधान

हाल के दिनों में देखा जाए तो राजग के इन दोनों सहयोगियों के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर मतभेद दिखा है, जिसके बाद जदयू के साथ राजद की नजदीकियां भी चर्चा में रही हैं। जाति आधारित जनगणना हो या जनसंख्या नियंत्रण दोनों दलों के नेता आमने-सामने दिखे।

अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के दौरान तो पार्टी के बड़े नेता भी खुलकर सामने आ गए। ऐसे में प्रधान की यात्रा को इन्हीं घटनाओं से जोडकर देखा जा रहा है।

प्रधान हालांकि मंगलवार की देर शाम भाजपा के प्रदेश कार्यालय भी पहुंचे और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की।

इस दौरान उन्होंने साफ तौर कहा कि भाजपा और जदयू के बीच कोई गतिरोध नहीं है। पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम बिहार में सेवा कर रहे हैं।

प्रधान ने तो नीतीश कुमार को राजग का नेता बताते हुए यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार 2025 तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे।

प्रधान के इस बयान को ऐसे नेताओं के लिए संदेश माना जा रहा है जो सार्वजनिक मंचों से सरकार पर सीध आरोप लगाते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों (political parties) में कभी-कभी भिन्न मत हो जाते हैं, लेकिन बिहार में हमें सेवा करने के लिए जो जनादेश मिला है, उसे हम पूरा कर रहे हैं।

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