झारखंड

दुमका से काम की तलाश में मुंबई गई आठ नाबालिग को कराया गया मुक्त

मुंबई की बाल कल्याण समिति ने किया सुपुर्द, 19 सितंबर को हुई थी दुमका से रवाना

दुमका: काम की तलाश में एक माह पूर्व मुंबई गई दुमका के आठ किशोरियों को मुंबई के ठाड़े रेलवे स्टेशन की पुलिस ने कब्जे में लेकर सकुशल दुमका भेज दिया। किशोरी दुमका के चार प्रखंड से है।

गुरुवार को जिला समाज कल्याण कार्यालय में सभी का बयान दर्ज करने के बाद बाल कल्याण समिति ने परिजनों के सुपुर्द कर दिया। सभी मुंबई में रहने वाले एक रिश्तेदार के बुलावे पर गई थी।

जिले के रामगढ़ प्रखंड की चार, गोपीकांदर की दो सगी बहने, शिकारीपाड़ा व जरमुंडी के एक-एक किशोरी रिश्तेदार के बुलावे पर एक माह पहले मुंबई गई थी। 21 सितंबर को ठाड़े रेलवे स्टेशन पर उतरते ही रेलवे पुलिस ने शक के आधार पर पकड़ लिया।

पूछताछ में सभी ने बताया कि वे एक रिश्तेदार के कहने पर ही यहां आई। जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर रेलवे पुलिस ने सभी को महाराष्ट्र बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया।

चार दिन पहले वहां की समिति ने स्थानीय समिति के पदाधिकारी प्रकाश चंद्र को सारी बताई। प्रकाश के अनुरोध पर गुरुवार को कल्याण थाना के तीन जवान चार महिला पुलिस कर्मियों को साथ लेकर आए और सीडब्लूसी को सुपुर्द किया।

समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में सभी किशोरियों का बयान दर्ज किया गया। सभी ने एक स्वर में बताया कि मुंबई में उनके गांव का एक रिश्तेदार रहता है। उसने ही काम दिलाने के लिए बुलाया था।

स्टेशन पर उतरते ही पकड़ लिया गया। सीडब्लूसी के अध्यक्ष मनोज साह ने बताया कि सभी की उम्र 18 साल से कम है। सभी का बयान दर्ज किया गया है। सभी ने मर्जी से मुंबई जाने की बात बताई है। सभी के परिजन को बुलाकर उनके सुपुर्द कर दिया गया है।

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