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द्वारका एक्सप्रेस-वे 2023 में चालू हो जायेगा: नितिन गडकरी

अभी इन मार्गों पर भारी यातायात रहता है, जिनमें ज्यादातर पश्चिम दिल्ली से आने वाले वाहन शामिल होते हैं

नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने सोमवार को कहा कि द्वारका एक्सप्रेस-वे, जिसे हरियाणा वाले हिस्से में नार्दर्न पेरीफेरल रोड कहते हैं, उसे भारत में पहले एलिवेटेड शहरी एक्सप्रेस-वे के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह अगले साल 2023 में यातायात के लिए चालू हो जायेगा।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सिलसिलेवार ट्वीट (Tweet in sequence) में कहा कि द्वारका एक्सप्रेस-वे से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे (स्वर्णिम चतुर्भुज सम्बंधी दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद-मुम्बई राजमार्ग का हिस्सा) तथा आर्टेरियल रोड पर दबाव कम होगा।

अभी इन मार्गों पर भारी यातायात रहता है, जिनमें ज्यादातर पश्चिम दिल्ली से आने वाले वाहन शामिल होते हैं।

गडकरी ने कहा…

उन्होंने कहा कि एनएच-8 का 50 से 60 प्रतिशत यातायात इस नये एक्सप्रेस-वे की तरफ मुडेगा, जिससे सोहना रोड़, गोल्फ कोर्स रोड आदि की तरफ जाने वाले यातायात में सुधार आयेगा।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में चालू हो जाने के बाद, इससे दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को भी कम करने में बेहद मदद मिलेगी।

गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्र सरकार देश के कोने-कोने में विश्वस्तरीय अवसंरचना के विकास को सक्रिय प्राथमिकता दे रही है और ‘संपर्कता से समृद्धि’ का मार्ग प्रशस्त कर रही है।

गडकरी ने बताया कि दिल्ली से हरियाणा के गुरुग्राम को जोड़ने वाला एक्सप्रेस-वे 9,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।

इस एक्सप्रेस-वे में सड़क की दोनों तरफ न्यूनतम तीन लेन सर्विस रोड हैं, जो 16 लेन एक्सेस कंट्रोल्ड राजमार्ग (access controlled highway) से जुड़ी हैं।

यह एक्सप्रेस-वे 29 किलोमीटर लंबा है, जिसमें से 19 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में और शेष 10 किलोमीटर लंबा हिस्सा दिल्ली में पड़ेगा।

गडकरी ने कहा कि द्वारका एक्सप्रेस-वे पर चार बहुस्तरीय इंटरचेंज होंगे। प्रमुख जंक्शनों पर सुरंग/अंडरपास, एट-ग्रेड रोड, एलीवेटेड फ्लाईओवर और फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर बनाये जायेंगे, जिनमें भारत की सबसे लंबी (3.6 किलोमीटर) और सबसे चौड़ी (8 लेन) शहरी सड़क सुरंग का निर्माण शामिल है।

उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे की शुरूआत एनएच-8 (दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे) पर शिव-मूर्ति से होगी और वह द्वारका सेक्टर 21, गुरुग्राम सीमा तथा बसई से गुजरता हुआ खिड़की दौला टोल प्लाजा के निकट समाप्त हो जायेगा।

गडकरी ने कहा कि यह प्रतिष्ठित परियोजना का विकास राजधानी दिल्ली में भीड़-भाड़ कम करने की योजना में प्रमुख भूमिका निभायेगी।

द्वारका एक्सप्रेस-वे (Dwarka Expressway) जब पूरा हो जायेगा, तो उसके जरिये द्वारका के सेक्टर 25 स्थित इंडिया इंटरनेशनल कनवेंशन सेंटर (आईआईसीसी) तक सीधी पहुंच हो जायेगी।

बुर्ज खलीफा में लगे कंक्रीट से छह गुना अधिक

साथ ही इसके जरिये एक कम गहरी सुरंग के जरिये आईआईजी एयरपोर्ट तक जाने का एक वैकल्पिक रास्ता मिल जायेगा।

उन्होंने कहा कि उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली, टोल प्रबंधन प्रणाली, सीसीटीवी कैमरों, सतर्कता आदि जैसे उत्कृष्ट बौद्धिक यातायात प्रणालियां आसन्न विश्वस्तरीय गलियारे का अभिन्न होंगी।

गडकरी ने कहा कि द्वारका एक्सप्रेस-वे के आसपास भारी मात्रा में वृक्षारोपण किया जायेगा। पूरे क्षेत्र 12,000 पेड़ लगाये गये हैं।

उन्होंने कहा कि परियोजना इंजीनियरिंग का शानदार नमूना है। निर्माण में 34 मीटर चौड़ी आठ लेन की एकल पाए वाली सड़क शामिल है।

अनुमान है कि परियोजना में दो लाख मीट्रिक टन (एफिल टावर में इस्तेमाल इस्पात से तीस गुना अधिक) इस्पात की खपत होगी।

इसी तरह इसके निर्माण में 20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट (Cubic meter concrete) की खपत होगी, जो बुर्ज खलीफा में लगे कंक्रीट से छह गुना अधिक है।

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