झारखंड

झारखंड : 15 साल की उम्र में इस शख्स को बना दिया गया पारा शिक्षक, इसके चंद दिन बाद…

रामगढ़ : सरकार के किसी भी विभाग (Department) में अगर नियमों (Rules) के अनुसार काम होता है तो सिस्टम बेहतर तरीके से चलता है। अगर कुछ गलत होगा तो सिस्टम प्रभावित होगा।

ऐसे में गड़बड़ियों के मामलों (Cases of Malfeasance) का सामने आना स्वाभाविक है। झारखंड (Jharkhand) के रामगढ़ जिले (Ramgarh District) में शिक्षा विभाग (Education Department) में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है।

यहां पारा शिक्षक रहते हुए किसी निर्धारित प्रावधानों (Prescribed Provisions) का पालन किए बिना उच्च डिग्री के आधार पर शिक्षक बना दिया जाता है।

ऐसा ही मामला जिले के दुलमी प्रखंड (Dulmi Block) के भालू ग्राम में स्थित प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक सोहन पंडित का है।

गिरिडीह जिले का रहने वाला है सोहन

सोहन पंडित मूल रूप से गिरिडीह जिला (Giridih District) के सरिया थाना (Saria Police Station) क्षेत्र स्थित कसियाडीह का रहने वाला है।

उसे मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद महज 15 साल की उम्र में 28 दिसंबर 2003 को उत्क्रमित मध्य विद्यालय कसियाडीह (Upgraded Middle School Kasiyadih) में पारा शिक्षक (Para Teacher) बन बना दिया गया।

5 दिन बाद 2 जनवरी 2004 को ही उसे ग्राम शिक्षा समिति ने उच्च मेधांत प्राप्त करने के लिए अवैतनिक अवकाश दे दिया गया।

योग्यता बढ़ाने के लिए अवैतनिक अवकाश

अगर झारखंड़ शिक्षा परियोजना (Jharkhand Education Project) की मानें तो 2015 से पूर्व किसी तरह के कोई अवकाश का प्रावधान नहीं था।

इसकी पुष्टि अधिवक्ता राजीव रंजन (Rajeev Ranjan) द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद से मांगे गए जवाब में अंकित है।

इसके बावजूद सोहन पंडित को तत्कालीन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी बगोदर/ सरिया ने चयन के महज 5 दिन के बाद ही योग्यता बढ़ाने के लिए अवैतनिक अवकाश दे दिया।

हटाए गए शिक्षकों ने DC को सौंपा आवेदन

इस पूरे मामले की पुष्टि तब हुई, जब 2019 में 14 पारा शिक्षकों (Para Teachers) की नियुक्ति रद्द कर दी गई थी। वे आज अपनी मांगों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।

इन लोगों ने 13 मार्च को DC रामगढ़ को दो अलग-अलग आवेदन दिया है, जिसमें सोहन पंडित की योग्यता पर सवाल उठाते मामला न्यायालय (Court) में रहने के बावजूद उसे नियुक्ति पत्र देने पर सवाल उठाया है।

मामले को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक संजीत कुमार ने बताया कि ये मेरे कार्यकाल का मामला नहीं है। इसलिए इस मामले में वो कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते।

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