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देखते ही बन रहा कोडरमा में दुर्गा उत्सव का उत्साह, महाअष्टमी के दिन मां के दर्शन…

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कोडरमा : जिले में दुर्गा उत्सव (Durga Utsav) का उत्साह चरम पर है। विभिन्न जगहों पर भव्य एवं आकर्षक पूजा पंडाल (Grand and Attractive Puja Pandal) बनाये गये हैं।

इन पंडालों में पट खुलने के बाद महाअष्टमी (Mahaashtami) को मां दुर्गे के दर्शन को आतुर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। विभिन्न पूजा पंडालों में लोग मां दुर्गे के दर्शन कर निहाल हुए।

मुख्य शहर झुमरीतिलैया के महाराणा प्रताप चौक पर बद्रीनाथ मंदिर (Badrinath Temple) का पंडाल बनाया गया है। शहर के अड्डीबांग्ला में अक्षरधाम का रूप दिया गया है।

बिशुनपुर रोड में भी आकर्षक पंडाल बनाया गया है। कला मंदिर में केरल के एक मंदिर का स्वरूप दिया गया है। गौरी शंकर मुहल्ला, तारा टांड, करमा, मडुआटांड और चाराडीह में भी आकर्षक पंडाल बनाया गया है।

शहर के ताराटांड़ में सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति इस वर्ष नेपाल में स्थित विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के प्रारूप में दुर्गा पूजा का पंडाल बनाया गया है।

इधर, चंदवारा बाजार में और प्रखंड के भोंडो में भी पंडाल लोगों को आकर्षित कर रहा है। जिला मुख्यालय कोडरमा में बाजार पर, हरि सभा और वन परिसर में मां दुर्गे की आराधना को लेकर लोगों का हुजूम उमड़ रहा है।

जिले के डोमचांच, मरकच्चो, सतगावां और जयनगर में भी स्थापित मां दुर्गे की प्रतिमा और आकर्षक पंडाल लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।

सौ साल से अधिक पुराना है इतिहास

कोडरमा जिला मुख्यालय स्थित हरिसभा में वर्ष 1902 से ही मां दुर्गे की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जा रही है। सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति कोडरमा बाजार में ब्रिटिश शासन काल (British rule) के दौरान वर्ष 1915 से यहां दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है।

झुमरीतिलैया सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति तिलैया बस्ती का इतिहास भी लंबे समय का रहा है। यहां आज भी राजशाही परंपरा का निर्वाह कर पूजा की जा रही है।

तिलैया बस्ती में 178 साल पहले राज परिवार ने पूजा की शुरुआत की थी। यहां छोटे राजा के पद पर रहे द्वारिका नारायण शाही के पुत्र काली प्रसाद शाही ने बताया कि वर्ष 1845 में उनके परदादा नेहाल शाही ने तिलैया बस्ती में दुर्गा पूजा की शुरुआत की थी।

इसके बाद उनके दादा अमृत नारायण शाही (Dada Amrit Narayan Shahi) और उनके पिता ने दुर्गा पूजा का आयोजन किया। अब स्थानीय लोगों के सहयोग से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। झुमरीतिलैया के ताराटांड़ में वर्ष 1979 से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है।

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