JPSC सिविल सेवा की पीटी परीक्षा को ले सामने आया विवाद, 17 मार्च को…

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JPSC Exam: झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की 17 मार्च को होने वाली सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा (PT) को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। फॉर्म भरने की अंतिम तारीख और परीक्षा के बीच मात्र 14 दिनों का वक्त दिए जाने से अभ्यर्थी परेशान हैं।

उनका कहना है कि देश में कहीं भी इतनी छोटी अवधि के नोटिस में सिविल सेवा की परीक्षा नहीं होती। गुरुवार को राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी रांची JPSC ऑफिस पहुंचे।

उन्होंने परीक्षा की तारीख कम से कम 90 दिन बढ़ाने की मांग की। राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी BJP ने भी परीक्षार्थियों की मांग को जायज बताया है।

CM से हस्तक्षेप की मांग

राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता अमर बाउरी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Champai Soren) से अभ्यर्थियों की परेशानियों को देखते हुए इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

दरअसल, इस परीक्षा के लिए करीब 50 दिन पहले विज्ञापन जारी किए गए थे। इसके लिए Online फॉर्म 3 मार्च तक भरे गए।

इसके बाद फॉर्म भरने वाले अभ्यर्थियों को सूचना दी गई कि 12 मार्च से अपने एडमिट कार्ड JPSC की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं, लेकिन वेबसाइट की गड़बड़ियों के कारण 13 मार्च की देर शाम तक Admit Card डाउनलोड नहीं किए जा सके। अभ्यर्थी इसे लेकर लगातार शिकायत दर्ज कराते रहे।

Download किए गए कई एडमिट कार्ड में फोटो गायब

उनका कहना है कि Download किए गए कई एडमिट कार्ड में फोटो गायब है। इसी तरह की कुछ अन्य तकनीकी गड़बड़ियां हैं। झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा है कि यह मामला लाखों छात्रों के भविष्य से जुड़ा है।

किसी भी प्रकार की अनियमितता एवं अपरिपक्वता बेहद हानिकारक साबित होगी। आयोग ने जिनके आवेदन रिजेक्ट किए हैं, उसकी लिस्ट भी नहीं जारी की गई है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “JPSC की परीक्षा 17 मार्च को होने वाली है, आनन-फानन में इसे लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

Download ही नहीं हो रहा Admit Card!

परीक्षा में महज चार दिनों का समय बचा है, लेकिन, छात्रों का एडमिट कार्ड Download ही नहीं हो रहा है। ऐसे में राज्य से बाहर रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है।

परीक्षा बिल्कुल साफ-सुथरे और पारदर्शी तरीके से हो, अन्यथा झारखंड के मेधावी छात्रों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

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