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कोरोना वैक्सीन पर सवाल उठाने वाले बाबा रामदेव के बयान पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जताई आपत्ति

नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पर सवाल उठाने और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden0) के Vaccine लेने के बावजूद Corona संक्रमित होने वाले बाबा रामदेव के बयान पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने आपत्ति जताई है।

जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने कहा कि ऐसे बयान से हमारे देश के दूसरे देशों से संबंध प्रभावित हो सकते हैं। मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी।

Vaccine लेने के बावजूद अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन तीसरी बार Corona संक्रमित

Court ने कहा कि बाबा रामदेव के बयान से आयुर्वेद जैसे प्रतिष्ठित चिकित्सा पद्धति की छवि भी खराब होगी। आयुर्वेद काफी पुरानी और प्रतिष्ठित चिकित्सा पद्धति है।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील अखिल सिब्बल ने कहा कि 4 अगस्त को बाबा रामदेव ने हरिद्वार में बयान दिया था कि Corona की Vaccine लेने के बावजूद अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन तीसरी बार Corona संक्रमित हो गए।

रामदेव ने कहा था कि बाइडेन का Corona Infected होना ये बताता है कि ये मेडिकल साइंस की असफलता है, जो दुनिया में तबाही मचा रही है।

कोरोनिल दवाई को लेकर दिए गए स्पष्टीकरण पर आपत्ति जताई HC

उल्लेखनीय है कि चार अगस्त को Court ने बाबा रामदेव के कोरोनिल दवाई को लेकर दिए गए स्पष्टीकरण पर आपत्ति जताई थी। Court ने कहा था कि इस स्पष्टीकरण में ऐसा लगता है, जैसे बाबा रामदेव अपनी पीठ थपथपा रहे हों।

सुनवाई के दौरान Court ने कहा था कि बाबा रामदेव के स्पष्टीकरण में दो चीजें स्पष्ट हैं। पहला कि एलोपैथिक डॉक्टरों (Allopathic Doctors) के पास इलाज नहीं है और कोरोनिल उसका इलाज है।

कोर्ट ने कहा था कि आप ऐसा नहीं कह सकते हैं कि कोरोनिल एक पूरक इलाज है। पहले की सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव की ओर से कहा गया था कि वे इस मामले पर एलोपैथिक डॉक्टरों के वकील से मशविरा कर एक स्पष्टीकरण जारी करेंगे।

मेडिकल साइंस को चुनौती दे रहे है

HC बाबा रामदेव की ओर से कोरोनिल दवाई को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है। उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है।

वे मेडिकल साइंस (Medical Science) को चुनौती दे रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि कि बाबा रामदेव काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनकी काफी लोगों तक पहुंच है। उनके बयान प्रशंसकों को प्रभावित करते हैं।

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