बिहार

कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों के बगैर विपक्षी एकता का कोई औचित्य नहीं: पप्पू यादव

पटना: जन अधिकार पार्टी (लो) का तीन दिवसीय मंथन सह प्रशिक्षण शिविर (Training Camp) आज से बोध गया में शुरू हो गया।

इससे पूर्व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव (Former Party National President Pappu Yadav) ने कहा कि आज कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों के बगैर विपक्षी एकता का कोई औचित्य नहीं है। तीसरे मोर्चे का भी कोई मतलब नहीं है।

उन्होंने Patna में पत्रकारों से वार्ता में कहा कि हम पहले भी विपक्ष की भूमिका में थे और आज भी विपक्ष की भूमिका में हैं। हम सिर्फ एक सकारात्मक सोच के साथ बढ़ रहे हैं कि हमारे लिए सबसे जरूरी है बिहार और बिहारी।

हमारी प्राथमिकता है कि सीटेट के अभ्यर्थियों को नौकरी मिले, युवाओं को रोजगार मिले और राज्य में सुशासन ऐसे ही चलता रहे। BJP के जो लोग राज्य में अपराध की बात करते हैं उनकी पार्टी में सबसे अधिक अपराधी हैं।

Congress को छोड़कर BJP को हराएंगे वो BJP की बेटी है

पप्पू यादव ने CM नीतीश कुमार के राहुल गांधी से मुलाकात के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 2024 के बाद से अगर देश के युवाओं को नौकरी देनी है, किसानों को आमदनी देनी है, महिलाओं को सम्मान दिलाना है और देश के लोकतंत्र को बचाकर रखना है तो बिना किसी पद के सभी को एकजुट होना होगा।

जो ये कहते हैं कि Congress को छोड़कर BJP को हराएंगे वो BJP की बेटी है। उसपर भरोसा नहीं करना चाहिए। नीतीश कुमार ने बड़ा संकल्प लिया कि PM बनना जरूरी नहीं है, इस देश को बचाना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि RPC सिंह अटल, आडवानी, मुरली मनोहर जोशी जैसे तमाम कद्दावर नेताओं को हाशिए पर धकेलने वाले नेता के भरोसे बैठे हैं।

शिवराज चौहान BJP में एकमात्र पिछड़ा मुख्यमंत्री हैं। इसके अलावा एक भी दलित-पिछड़ा CM नहीं है। उल्टा दलित-आदिवासी नेताओं को कमजोर करने की कोशिश करते हैं। ऐसे लोगों को नीतीश कुमार को आइना दिखाने का हक नहीं है।

अब तो सिर्फ सांस लेने व करवट बदलने के लिए ही GST लेना बाकी है

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अपने राजनीतिक जीवन में दो सबसे बड़ी गलतियां कीं। पहला, RPC सिंह को मंत्री बनाकर और दूसरा BJP के साथ सरकार बनाकर।

उन्होंने कहा कि पांच साल में इस देश में कोई काम नहीं हुआ। सिर्फ इतना हुआ की सारे नेताओं का फाइल बन गया और अब जो बचे हैं वो डरे सहमे हैं। Tax मार की हाल ये है कि अब तो सिर्फ सांस लेने और करवट बदलने के लिए ही GST लेना बाकी है।

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